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Vastu Shastra: शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए घर की इस दिशा में ना रखें ये चीजें, जानें वास्तु नियम

Vastu Shastra: घर की पश्चिम दिशा शनि देव से जुड़ी होती है; इसे साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखने से जीवन में सफलता, सुख और स्थिरता आती है. यदि यह गंदी या अस्त-व्यस्त हो, तो शनि का नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है, जिससे तनाव, आर्थिक हानि और बाधाएं बढ़ती हैं.

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मुसीबतों से बचने के लिए घर की पश्चिम दिशा का रखें ख्याल
मुसीबतों से बचने के लिए घर की पश्चिम दिशा का रखें ख्याल

वास्तु और ज्योतिष शास्त्र दोनों ही यह मानते हैं कि घर की पश्चिम दिशा का संबंध न्याय के देवता और कर्मफल के दाता, भगवान शनि से होता है. शनि देव हमारे कर्मों के आधार पर फल देते हैं. इसलिए घर की इस दिशा को अगर व्यवस्थित, स्वच्छ और संतुलित रखा जाए, तो जीवन में स्थिरता, सफलता और सुख की प्राप्ति होती है. लेकिन यदि पश्चिम दिशा अस्त-व्यस्त, गंदी या भारी वस्तुओं से भरी हो, तो शनि का नकारात्मक प्रभाव बढ़ने लगता है. इससे जीवन में रुकावटें, अनावश्यक तनाव, आर्थिक हानि और परिश्रम के बावजूद फल न मिलने जैसे हालात पैदा होते हैं. 

रिश्तों में सुधार के लिए

घर में बेडरूम का सही दिशा में होना रिश्तों और स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यह दिशा पति-पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाती है और जीवन में स्थिरता लाती है. यदि दक्षिण-पश्चिम संभव न हो तो पश्चिम दिशा में बेडरूम बनवाना शुभ होता है. इससे करियर अच्छा होता हैऔर परिवार में खुशहाली बनी रहती है.

कूड़ेदान की साफ-सफाई

घर के कूड़ेदान और अन्य जगहें भी स्वास्थ्य और भाग्य पर असर डालती हैं. शनि की स्थिति और वास्तु के अनुसार कूड़ेदान साफ रखें. गंदगी और बदबू को पनपने न दें. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं फैलती है और परिवार के सदस्य बीमारियों से बचते हैं. 

पर्दों का रखें ध्यान

फटे, पुराने या गंदे पर्दे बदलें. साफ-सुथरे पर्दे न केवल घर को सुंदर बनाते हैं बल्कि सेहत पर भी अच्छा असर डालते हैं. इसके अलावा यह दुर्भाग्य से भी सुरक्षा करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. 

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आर्थिक और मानसिक उन्नति के लिए वास्तु टिप्स

घर की वास्तु और दिशा का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है. यदि हम कुछ आसान उपाय अपनाएं, तो जीवन में समृद्धि और सुख बढ़ता है. 

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मंदिर पश्चिम दिशा में बनाने से घर के मुखिया की सेहत और आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. घर में बार-बार परेशानियां आती रहती हैं और मानसिक तनाव बढ़ता है. मंदिर को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर के सभी सदस्यों की मानसिक शांति बनी रहती है. 

टूटा-फूटा फर्नीचर या कबाड़ न रखें, यदि पश्चिम दिशा में टूटा-फूटा फर्नीचर या बेकार सामान रखा हो, तो घर में दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. घर की बरकत और समृद्धि धीरे-धीरे खत्म होने लगती है.

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