तुलसी विवाह का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है. इस दिन माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु के स्वरूप) से होता है. इसी के साथ देवउठनी एकादशी के बाद शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी मानी जाती है. कार्तिक मास में तुलसी के पौधे के नीचे दीपक जलाना बहुत शुभ माना गया है. इस पावन दिन पर तुलसी माता की पूजा के दौरान गाय के शुद्ध घी का एक दीपक तुलसी के पौधे के पास अवश्य जलाना चाहिए. इस दीपक को प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त के समय जलाना सबसे शुभ माना जाता है.
नकारात्मक शक्तियां होती है कम
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के पास जलाया गया यह दीपक नकारात्मक शक्तियों और अशुभ प्रभावों को दूर करता है. इसकी रोशनी घर के वातावरण को पवित्र बनाती है. सकारात्मक ऊर्जा, शांति व समृद्धि लेकर आती है. इसलिए तुलसी विवाह के दिन एक दीपक तुलसी के पास और एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर भी जलाएं. यह देवी लक्ष्मी का स्वागत माना जाता है और इससे धन-वैभव और सौभाग्य की वृद्धि होती है. तुलसी विवाह के दिन दीपक जलाते समय “ॐ तुलस्यै नमः” या “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें.
5 दीपक जलाना भी है शुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विवाह के दिन 5 दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. ये पांच दीये पंचतत्व — पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का प्रतीक हैं. माना जाता है कि इन दीयों को तुलसी के चारों तरफ रखने से घर में माता लक्ष्मी वास होता है. आप श्रद्धा अनुसार 11, 21, 51 या 108 दीपक भी जला सकते हैं. नियम यह है कि दीपक हमेशा घी या तिल के तेल का होना चाहिए. तुलसी के पास सरसों के तेल का प्रयोग वर्जित माना गया है. तुलसी विवाह के दिन दीपक सुबह और शाम दोनों समय जलाना शुभ फल देता है. ध्यान रखें कि दीपक तुलसी के सामने या पास में किसी स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें, लेकिन पीछे कभी न रखें, तभी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है.
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की होती है कृपा
तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. इस दिन दीप जलाने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और दरिद्रता का नाश होता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी विवाह के अवसर पर माता तुलसी और भगवान शालिग्राम के समक्ष दीपक जलाकर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो शीघ्र विवाह या मनचाहा जीवनसाथी चाहते हैं.