Tulsi Plant: तुलसी को मां का स्वरूप माना गया है, इसलिए घर में तुलसी का हरा-भरा रहना शुभता, सकारात्मकता और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है. लोकिन तुलसी का पौधा बार-बार सूखने लगे, तो ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार यह घर में बढ़ती नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है. पौधे का मुरझाना बताता है कि घर के वातावरण में कोई अशुभ प्रभाव है. यह ग्रहों की बाधा, परिवार में तनाव या घर की ऊर्जा में असंतुलन का संकेत हो सकता है. तुलसी जैसे पवित्र पौधे तब ही अच्छी तरह बढ़ते हैं जब आसपास का वातावरण शांत,और सकारात्मक हो. जानते हैं तुलसी के बार-बार सूखने की वजह और उपाय क्या हैं.
गलत दिशा में तुलसी लगाना
वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी माता को उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में स्थापित करना अत्यंत शुभ माना गया है. यह दिशा जल और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्थान मानी जाती है, जो तुलसी की प्रकृति के अनुकूल है. अगर पौधा दक्षिण दिशा में रखा जाए, तो वह धूप की गर्मी से जल्दी सूख सकता है. यह दिशा तुलसी की ऊर्जा के लिए सही नहीं रहती. दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी है, इसलिए तुलसी वहां लंबे समय तक नहीं रह पाती. इसलिए दिशा बदलने से पौधा फिर से हरा-भरा हो सकता है.
जरूरत से ज्यादा या कम पानी देना
तुलसी में साधारण पौधों की तरह ज्यादा पानी नहीं डालना चाहिए. कई लोग रोज भारी मात्रा में पानी दे देते हैं, जिससे मिट्टी में नमी बढ़ जाती है और जड़ें गलने लगती हैं. इससे पौधा धीरे-धीरे सूख जाता है. अगर पानी बहुत कम दिया जाए, तो पत्तियां मुरझा जाती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है. तुलसी के लिए हल्की नमी सबसे उपयुक्त रहती है. ध्यान रहे कि उसकी मिट्टी न पूरी तरह सूखी हो और न जरूरत से ज्यादा भीगी.
घर में तनाव और कलह
ज्योतिषीय के अनुसार यदि घर में लगातार तनाव, विवाद या गुस्से का मैहौल है, तो नकारात्मक ऊर्जा वातावरण में फैल जाती है. यह तुलसी जैसे पवित्र पौधे पर असर डालती है. तुलसी सकारात्मक माहौल में ही फलती-फूलती है. इसलिए परिवार में शांति, प्रेम और सौहार्द बनाए रखना पौधे के लिए अच्छा होता है.
तुलसी उपाय
रोज सुबह मिट्टी में हल्का जल अर्पित करें, तुलसी के पास दीपक जलाएं. पत्ता तोड़ने से पहले प्रार्थना करें. गाय के गोबर की खाद या जैविक खाद मिट्टी में मिलाएं. हर गुरुवार को तुलसी के पास हल्दी युक्त जल अर्पित करें .