Swapna Shastra: शास्त्रों में जीवन और मृत्यु से जुड़े कई रहस्य बताए गए हैं. कहा जाता है कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति की कुछ ऊर्जा उसके प्रयोग किए गए सामानों में बाकी रह जाती है. गरुड़ पुराण में स्पष्ट रूप इसका उल्लेख है कि मृत व्यक्ति की चीजों का उपयोग जीवन में नकारात्मक प्रभाव बढ़ाता है. ऐसा करने से पितृ दोष लगने की संभावना रहती है. पितृदोष इंसान की खुशियों को तबाह कर सकता है. धनवान को भी सड़क पर ला सकता है. आइए जानते हैं कि मृतकों की किन वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
मृतक के कपड़े
मृत व्यक्ति के कपड़ों को पहनना अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि कपड़ों में मृतक की ऊर्जा जीवित रहती, जो दूसरों द्वारा प्रयोग किए जाने पर विपरीत परिणाम देती है. इन कपड़ों के प्रयोग से व्यक्ति मानसिक तनाव या बीमारियों की चपेट में आ सकता है.
गहने या आभूषण
मरे हुए व्यक्ति के आभूषण चाहे कितने भी मूल्यवान क्यों न हों, उन्हें हर वक्त पहने रहना उचित नहीं है. गहनों में शरीर के स्पर्श से एक प्रकार की ऊर्जा जीवित रहती है. जब ये वस्तुएं किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आती हैं तो उस ऊर्जा का भाग्य पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए इन्हें विरासत की तरह संभालकर रखना ज्यादा उत्तम होता है.
घड़ी
मरे हुए व्यक्ति की घड़ी पहनना भी उचित नहीं माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे लोग मरे हुए व्यक्ति का अपूर्ण समय अपने साथ जोड़ रहे हैं. इससे जीवन में रुकावटें, देरी या दुर्भाग्य आने की संभावना होती है.
जूते-चप्पल
जूते-चप्पल पृथ्वी तत्व से सबसे अधिक जुड़े होते हैं, इसलिए कहा गया है कि मृतक व्यक्ति के जूते-चप्पल कभी नहीं पहनने चाहिए. ऐसा करने से दुख, दरिद्रता और नकारात्मकता घर में प्रवेश करती है.
बर्तन
मरे हुए व्यक्ति के प्रयोग किए गए बर्तन भी नहीं रखने चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इन बर्तनों में मृतक के भोजन की सूक्ष्म ऊर्जा रह जाती है, जो धीरे-धीरे दुर्भाग्य और अशांति का कारण बन सकती है.