Paush Purnima 2026 kab hai: पौष मास का समय धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है, क्योंकि यह जप-तप, साधना और पुण्य कार्यों के लिए शुभ होता है. इस मास की पूर्णिमा, जिसे पौष पूर्णिमा कहा जाता है, साल की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में गिनी जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, व्रत रखना और दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर किए गए अच्छे कर्म जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं, जबकि गलत कार्य करने से कठिनाइयां और आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं. इसलिए इस दिन कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए.
पौष पूर्णिमा की तिथि
साल 2026 में पौष पूर्णिमा 3 जनवरी को पड़ रही है. इस दिन लोग पूर्णिमा स्नान करेंगे और व्रत रखेंगे. साथ ही यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है. इस अवसर पर विधिपूर्वक पूजा और चंद्र देव को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है.
पौष पूर्णिमा पर ना करें ये गलतियां
सुबह जल्दी उठकर गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. यदि बाहर जाना संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. वहीं इस दिन सूर्योदय के बाद तक सोते रहना शुभ नहीं माना जाता. ऐसा करने से भाग्य का साथ कमजोर पड़ सकता है और देवी-देवताओं की कृपा से दूर होने लगते हैं.
यह दिन साधना, जप और आत्मसुधार के लिए अत्यंत उपयुक्त है. इस दिन किसी से झगड़ा करना या अपशब्द बोलना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में अशांति और तनाव बढ़ता है और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद दूर हो सकता है.
व्रत रखना इस दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. यदि व्रत रखना संभव न हो तो कम से कम तामसिक आहार का सेवन बिल्कुल न करें. मांसाहारी भोजन और शराब से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव ग्रहों और स्वास्थ्य पर पड़ सकता है.