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Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर किस उंगली से करें भाई का तिलक? ज्यादातर घरों में होती है ये गलती

Bhai Dooj 2025: भाई दूज पर ज्यादातर बहनें अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर से भाई का तिलक करती हैं. जबकि इस उंगली से भगवान या गुरु को तिलक लगाना चाहिए. ज्योतिषविद भाई को अंगूठे से तिलक लगाने की सलाह देते हैं.

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जानें, भाई दूज पर किस उंगली से भाई को तिलक करना शुभ माना जाता है. (Photo: AI Generated)
जानें, भाई दूज पर किस उंगली से भाई को तिलक करना शुभ माना जाता है. (Photo: AI Generated)

Bhai Dooj 2025: हर साल कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 23 अक्टूबर यानी कल मनाया जाएगा. इस दिन बहनें अपने भाई की दीर्घायु और भाग्योदय के लिए उनका तिलक करती हैं. हालांकि आपने देखा होगा कि ज्यादातर घरों में बहनें भाई के माथे पर अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर से तिलक करती हैं, जो कि बिल्कुल गलत है. रक्षाबंधन या भाई दूज जैसे त्योहारों पर भाई को कभी भी अनामिका उंगली से तिलक नहीं करना चाहिए. आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं.

ज्योतिषविद ऐसा मानते हैं कि अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर से भगवान को तिलक लगाना चाहिए. भगवान के अलावा गुरु को तिलक लगाने के लिए भी इस उंगली का प्रयोग किया जा सकता है. दरअसल, इस उंगली का संबंध सूर्य से होता है और इससे तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है.

भाई को किस उंगली से लगाएं तिलक?
ज्योतिषविदों के अनुसार, भाई को हमेशा अंगूठे से तिलक लगाना चाहिए. रक्षाबंधन और भाई दूज जैसे त्योहारों पर भाई की विजय की कामना करते हुए अंगूठे से उनका तिलक करना चाहिए. प्राचीन काल में युद्ध पर जाने से पहले राजाओं का तिलक अंगूठे से ही किया जाता था.

क्यों अंगूठे से करना चाहिए भाई का तिलक?

ऊर्जा का संचार- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अंगूठा वायु और अग्नि तत्व का प्रतिनिधि करता है. इसलिए अंगूठे से भाई का तिलक करने पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और भाई का भाग्योदय होता है.

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शक्ति का प्रतीक- हाथ की उंगलियों में अंगूठा सबसे मजबूत माना जाता है. दरअसल, यह शक्ति, आत्मविश्वास और नियंत्रण का प्रतीक भी है. इसलिए जब कोई बहन अंगूठे से भाई का तिलक करती है तो यह साहस और शक्ति में वृद्धि करता है. अंगूठे से किया गया तिलक भाई को विजयी बनाने की कामना से किया जाता है.

आर्थिक लाभ- प्राचीन काल से ही व्यापार और सामाजिक रिश्तों में अंगूठे की भूमिका अहम मानी गई है. सफलता और सम्मान की कामना के लिए हमेशा अंगूठे से ही तिलक करने की परंपरा रही है.

सादगी और सहजता- अंगूठे से तिलक करने की परंपरा को मजबूती इसलिए भी मिली, क्योंकि इसके माध्यम से छोटे बच्चे और वृद्धजन भी आसानी से तिलक कर सकते हैं.

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