Shukra Pradosh Vrat 2025: आज भाद्रपद माह का आखिरी प्रदोष व्रत है. दिन शुक्रवार होने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व माना गया है. प्रदोष व्रत हर माह में आने वाली दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है. इस प्रकार हर महीने दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है.
यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्र प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. शुक्र प्रदोष व्रत के दिन लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाने से मां प्रसन्न होती है और सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं.
शुक्र प्रदोष व्रत की तिथि
त्रयोदशी तिथि की शुरूआत 5 सितंबर की सुबह 04 बजकर 08 मिनट होगी और इसका समापन 6 सितंबर को सुबह 03 बजकर 12 मिनट पर होगा. ऐसे में 5 सितंबर, यानी आज प्रदोष व्रत रखा जाएगा. चूंकि यह प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ने है, इसीलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा.
पूजा शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा प्रदोष काल में होती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, प्रदोष पूजा मुहूर्त 5 सितंबर को शाम 06 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 02 घण्टे 17 मिनट्स तक रहेगा.
शुक्र प्रदोष व्रत पूजन विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें. इसके बाद पूजाघर को साफ करें. शिव मंदिर में जाएं और घी का दीपक जलाकर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें. माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री और लाल चुनरी चढ़ाएं. इसके बाद शुक्र प्रदोष व्रत कथा पढ़ें. साथ ही आरती कर भगवान को भोग लगाएं. अंत में प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत का पारण करें.
इन चीजों का करें दान
अन्न- खाने की चीजों का दान करने से जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होती है. मां अन्नपूर्णा की कृपा हमेशा बनी रहती है.
दूध- शुक्र प्रदोष व्रत में गरीब और जरूरतमंदों को दूध का दान करें. भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा बनी रहेगी.
दही- इस दिन शिवलिंग को दही अर्पित करें और इसका दान भी करें. जीवन में सुख-शांति और धनधान्य की आवक बनी रहेगी.
चावल- चावल का दान करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है.
चीनी- शुक्र प्रदोष व्रत में चीनी का दान करने से जीवन में मिठास आती है.