भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को कुशा ग्रहिणी अमावस्य मनाई जाएगी. अमावस्या तिथि के देवता पितृदेव होते हैं उनकी प्रसन्नता के लिए अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की प्रदक्षिणा की जाती है. पीपल के वृक्ष पर कच्चे दूध में काला तिल और गंगाजल मिलाकर पितरों की पूजा अर्चना तर्पण आदि किया जाता है.
कुशा ग्रहिणी अमावस्या पर पूजा पाठ में सुबह के समय दाएं हाथ से कुशा को जड़ से उखाड़ कर पूजा में इस्तेमाल किया जाता है. कुशा ग्रहिणी अमावस्या पर पितरों की पूजा अर्चना करके घर में कलह क्लेश बीमारी और नकारात्मकता को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है
पापी ग्रहों से मिलेगा छुटकारा
- जन्मकुंडली में जिन्हें शनि राहु केतु परेशान कर रहा हो तो कुशा ग्रहिणी अमावस्या पर पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने पितरों के नाम से तर्पण औऱ दान करना चाहिए
- अपने घर के बुजुर्गों की प्रसन्नता के लिए उनकी इच्छाएं पूरी करनी चाहिए उनके साथ समय बिताना चाहिये
- कुशाग्रहणी अमावस्या के दिन तीर्थस्नान पर जरूरतमंद लोगों को दान तथा जप और व्रत आदि जरूर करना चाहिए
घर से बीमारियां होंगी खत्म
- सुबह के समय सूर्य उदय होने से उठे और अपने स्नान के जल में दो बूंद गंगाजल डालकर स्नान करें तथा साफ वस्त्र पहने
- एक साफ आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुँह करें और एक तांबे के लोटे में गंगाजल भरकर रखें
- लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से गायत्री मंत्र का तीन माला जाप करें
- जाप के बाद लौटे के गंगाजल को सारे घर में छिड़क दें
बीमार व्यक्ति को इसका सेवन जरूर कराएं
- बीमार व्यक्ति के स्वस्थ होने के बाद जरूरतमंद लोगों को पितरों के नाम से भोजन जरूर कराएं
दान से होगा महाकल्याण
- कुशा ग्रहिणी अमावस्या पर हो सके तो स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल और दूर्वा डालकर स्नान करें
- स्नान के बाद साफ कपड़े पहन कर कच्चे दूध में काला तिल और गंगाजल दो लौंग मिश्री मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में जरूर अर्पण करे
- पितरों के नाम से किसी गौशाला में गाय को चारा जरूर खिलाएं
- जरूरतमंद लोगों को कपडे/ बूंदी लड्डू /सरसों का तेल/ मौसमी फल /दूध से बनी मिठाई सफेद कपड़े/ फल सब्जियां तथा दवाई का दान जरूर करें
- हो सके तो किसी मंदिर में छोटे-छोटे दो पीपल के पौधे जरूर लगाएं