Budh Pradosh Vrat: आज भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत है. प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. मान्यता है प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और भोले बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. यदि प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़े तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है. बुध प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि की कामना के लिए उत्तम माना जाता है. भादो के पहले बुध प्रदोष व्रत में चार शुभ योग एकसाथ पड़ रहे हैं.
गुरु पुष्य योग: यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है और इस दिन सोना, आभूषण या अन्य कीमती वस्तुएं खरीदना शुभ होता है.
अमृत सिद्धि योग: यह योग भी बहुत शुभ होता है और इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं.
सर्वार्थ सिद्धि योग: ज्योतिष में बहुत शुभ और मंगलकारी योग माना गया है. इस शुभ घड़ी में किए गए सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं.
द्विपुष्कर योग: यह योग भी बहुत शुभ माना जाता है और इस योग में किए गए कार्य दो बार फलित होते हैं.
शुभ मुहूर्त
पूजन सामग्री
धूप, दीप, घी, सफेद पुष्प व माला, आंकड़े का फूल, सफेद वस्त्र, सफेद मिठाई, चंदन, जल भरा कलश, कपूर, आरती थाली, बेल-पत्र, धतूरा, भांग, आम की लकड़ी और हवन सामग्री.
व्रत व पूजा विधि