Ahoi Ashtami 2021 Vrat Rules: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानी आज 28 अक्टूबर गुरुवार को अहोई अष्टमी का व्रत रखा गया है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और उनकी सुख समृद्धि के लिए पूरे दिन निर्जल और निराहार उपवास रखती हैं. रात को तारों को अर्घ्य देने के बाद ये व्रत खोला जाता है. इससे पहले शुभ मुहूर्त में विधि विधान के साथ अहोई माता का पूजन किया जाता है. इस व्रत के भी करवा चौथ के व्रत की तरह कुछ खास नियम हैं, जिनका पालन करना चाहिए. इसलिए शुभ मुहूर्त में अहोई माता की पूजा करने से पहले जान लें ये खास नियम.
ना करें ये गलतियां
1. आज के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को मिट्टी से जुड़ा कोई काम नहीं करना चाहिए. न ही बगीचे या गमले में खुरपी वगैरह चलानी चाहिए.
2. व्रत वाले दिन किसी नुकीली चीज जैसे चाकू, कैंची वगैरह का इस्तेमाल न करें. न ही इस दिन कपड़े की सिलाई आदि का कोई काम करें.
3. अहोई अष्टमी का व्रत रखने वालीं माताएं काले या गहरे नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनें.
4. व्रत में पूजा से पहले भगवान गणेश को याद करना बिल्कुल ना भूलें. इस दिन अर्घ्य देने के लिए कांसे के लोटे का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
5. अहोई माता के व्रत में पहले इस्तेमाल हुई सारी पूजा सामग्री को दोबारा इस्तेमाल न करें. इसके अलावा मुरझाए फूल या पहले प्रयोग हुए फल-मिठाई का इस्तेमाल ना करें.
6. खान-पान में तेल, प्याज, लहसुन आदि का प्रयोग न करें. व्रत रखने वालीं महिलाएं दिन में सोने से परहेज करें. किसी बुजुर्ग व्यक्ति का अनादर भी ना करें.
पूजा शुभ मुहूर्त
28 अक्टूबर को अष्टमी तिथि 12 बजकर 51 मिनट पर लगेगी. इस दिन गुरु-पुष्य योग बन रहा है, जो पूजा और शुभ कार्यों के लिए शुभ फलदायी होता है. अहोई अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 40 मिनट से रात 8 बजकर 50 मिनट तक है. वहीं शाम 5 बजकर 03 मिनट से 6 बजकर 39 मिनट तक मेष लग्न रहेगी जिसे चर लग्न कहते हैं, इसमें पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है.