राजस्थान के सिरोही में हाईकोर्ट के आदेश पर गैंगरेप का मामला दर्ज होने के बाद सिरोही नगर परिषद सभापति महेंद्र मेवाड़ा और तत्कालीन आयुक्त महेंद्र चौधरी मीडिया के सामने आए. अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन पर लगे आरोप गलत और दर्ज सभी एफआईआर झूठी हैं. इन्हें एक व्यक्ति के इशारे पर फर्जी आधार से दर्ज करवाया गया है.
महेंद्र मेवाड़ा ने कहा कि पूर्व में भी इसी तरह की शिकायत महिला थाने में दी गई थी. उसे पुलिस जांच में झूठा पाया गया था. इसी मामले में दूसरे आरोपी तत्कालीन आयुक्त महेंद्र चौधरी ने कहा कि यह मामला झूठा है. ऐसी किसी महिलाओ को नहीं जानता. चौधरी ने कहा कि अगस्त 2022 में ही वो रिटायर हो चुके थे.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश पर करीब 10 दिन पहले गैंगरेप की 8 एफआईआर सिरोही शहर कोतवाली थाने में दर्ज की गई थीं. इसके बाद जिले भर में इस प्रकरण को लेकर हलचल मची हुई है. मामले की जांच करने का हवाला देते हुए पुलिस ऑन कैमरा कुछ भी कहने से बचती नजर आ रही है.
'23 महिलाओं को झांसा देकर सिरोही लाया जाता है और...'
एफआईआर दर्ज होने के बाद बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रक्षा भंडारी ने एक बयान जारी किया है. इसमें कहा है कि 23 महिलाओं को आंगनबाड़ी वर्कर बनाने का झांसा देकर सिरोही लाया जाता है. उनके भोजन में नशीला पदार्थ मिलाकर उनके साथ गैंगरेप किया जाता है. बाद में उनका वीडियो वायरल किया जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि नगर परिषद सिरोही से जुड़े इस मामले की निंदा करती हूं. साथ ही सरकार पुलिस प्रशासन और न्याय पालिका से से आग्रह करती हूं कि इस तरह के अपराधों में त्वरित न्याय दिलवाएं. आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए.