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बाड़मेर में ड्रोन की अफवाह ने मचा दिया हड़कंप, सरहदी इलाकों में रहा पूरी तरह ब्लैकआउट

सीमावर्ती इलाकों में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद रखे गए हैं. सुरक्षा बल सतर्क हैं और भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर सभी जिलों में किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है.

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जैसलमेर में ब्लैकआउट. (फाइल फोटो)
जैसलमेर में ब्लैकआउट. (फाइल फोटो)

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के बाद भी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में एहतियाती तौर पर रविवार रात पूर्ण ब्लैकआउट लागू रहा. बाड़मेर में आसमान में लाल बत्तियों के साथ संदिग्ध ड्रोन देखे जाने की खबरों ने हड़कंप मचा दिया. जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अलर्ट जारी करते हुए कहा कि आने वाले ड्रोन की गतिविधि देखी गई. कृपया अपने घरों के अंदर रहें और ब्लैकआउट का पालन करें. हालांकि, प्रशासन ने ड्रोन मार गिराए जाने की सोशल मीडिया पोस्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया.

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सोमवार सुबह तक जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में सामान्य स्थिति लौटने लगी. लोग चाय की दुकानों और बाजारों में इकट्ठा हुए और सामान्य बातचीत में व्यस्त दिखे. जैसलमेर के निवासी जालम सिंह ने कहा, "अब हालात सामान्य लग रहे हैं. पिछली रात शांतिपूर्ण रही."

ब्लैकआउट का समय जिलों में अलग-अलग रहा. जैसलमेर में शाम 7:30 बजे से सुबह 6 बजे तक, बीकानेर में शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक, गंगानगर में शाम 7 बजे से सूर्योदय तक और बाड़मेर में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक बिजली गुल रही. जोधपुर में ब्लैकआउट लागू नहीं किया गया. 

एहतियात के तौर पर सीमावर्ती इलाकों में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद रखे गए हैं. जयपुर में गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा बल सतर्क हैं और भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर सभी जिलों में किसी भी स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है."

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चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार दोपहर को नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तत्काल प्रभाव से सैन्य कार्रवाइयां रोकने पर सहमति बनी. दोनों देशों के बीच डीजीएमओ स्तर की वार्ता सोमवार को निर्धारित है, जिससे स्थिति को और स्थिर करने की उम्मीद है.

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