राजस्थान के सीकर में एक प्रसूता महिला की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक के परिजनों ने अस्पताल के सामने धरना दिया और डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगाए. मृतका के परिजनों की मांग है कि नवजात बच्ची के नाम 50 लाख रुपये की एफडी कराई जाए और बच्ची की पढ़ाई का पूरा खर्च डॉक्टरों द्वारा उठाया जाए. वहीं दूसरी तरफ इस धरने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर्स ने भी कार्य का बहिष्कार किया. धरने पर बैठी महिलाओं व लोगों ने पानी की टंकी पर चढ़ने का किया प्रयास किया.
प्रसूता की मौत पर डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज में किसी तरह की कोई भी लापरवाही नहीं बरती गई है. महिला को पहले से ही इंफेक्शन था, जिसके चलते उसका यूरिन पास नहीं हो रहा था. वहीं डॉक्टर्स के काम के बहिष्कार पर इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर्स का कहना है कि अगर मृतका के परिवार को कोई लड़ाई लड़नी है तो वो कोर्ट में लड़ सकता है. मृतका के परिजनों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता तब तक वो धरने पर बैठे रहेंगे. डॉक्टर्स का कहना है कि बच्ची के इलाज और पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए तैयार हैं.
प्रसूता की मौत पर मचा हंगामा
बता दें, दांतारामगढ़ के सूलियावास गांव की रहने वाली सुमन देवी 10 जून को बसंत विहार स्थित सरोज हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए भर्ती हुई थी. प्रसूता के पति अशोक साईं ने बताया कि उनकी पत्नी ने ऑपरेशन से दोपहर करीब सवा दो बजे एक बच्ची को जन्म दिया. मृतका के परिजनों द्वारा दिए जा रहे धरने के खिलाफ निजी डॉक्टर ने भी कार्य बहिष्कार किया
मृतका के परिजनों ने डॉक्टर्स पर लगाए गंभीर आरोप
परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों ने प्रसूता पर ध्यान नहीं दिया. परिजन व ग्रामीण बसंत विहार के सरोज हॉस्पिटल के संचालकों व डॉक्टरों को गिरफ्तार करने और उचित मुआवजे के मांग को लेकर दूसरे दिन भी धरने पर बैठ गए थे.