
"एक-एक पल आंसुओं और आशंकाओं के बीच बीत रहा है, अभी तक कहीं से कोई मदद नहीं होने से परिवार में मायूसी छाई हुई है. लेकिन अब आखिरी उम्मीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगाई है." यह मदद की गुहार राजस्थान की राजधानी जयपुर की सुमन जोशी की है, जिनके पति प्रकाशचंद जोशी पिछले 13 दिनों से आंतकियों की कैद में है.
पश्चिम अफ्रीकी देश माली में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले में तीन भारतीयों को बंधक बनाया गया था, जिसमें जयपुर के रहने वाले प्रकाश जोशी भी शामिल है, जिसके बाद उनके परिवार के आंख के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं.
जयपुर के चित्रकूट इलाके में रहने वाले प्रकाश जोशी (61) की पत्नी सुमन जोशी ने बताया कि उनकी पति से आखिरी बार बातचीत हमले से एक दिन पहले 30 जून को हुई थी, लेकिन उनकी कंपनी की तरफ से दो दिन बाद उन्हें घटना की जानकारी दी गई. पति को अगवा कर बंधक बनाए जाने के बाद से सबका खाना-पीना छूट चुका है.

इधर, प्रकाश जोशी की बड़ी बेटी चित्रा ने भी केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. पीड़ित परिवार का कहना है कि पीएम मोदी इस मामले में दखल दें और उनके पिता के साथ-साथ बंधक बनाए गए, दो अन्य भारतीयों को वहां से छुड़ाकर सुरक्षित हिंदुस्तान लाने का काम करें.
पत्नी सुनीता और बड़ी बेटी चित्रा का कहना है कि पीएम मोदी ने दुनिया के तमाम देशों में फंसे हुए भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने का काम किया है, उन्हें अब बस भगवान और पीएम मोदी का ही आसरा है.
दरअसल, जयपुर के रहने वाले प्रकाश चंद जोशी देश-विदेश की तमाम बड़ी सीमेंट कंपनियों में बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर काम कर चुके हैं. हैदराबाद की एक कंपनी पश्चिम अफ्रीकी देश माली में सीमेंट का एक प्लांट लगा रही है.
कंपनी ने प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर इस प्लांट की जिम्मेदारी प्रकाश चंद जोशी को दी थी और वह 30 मई को तीन महीने के लिए भारत से रवाना हुए थे.
प्लांट में ही उन्हें व भारत से गए दूसरे लोगों को रहने की जगह दी गई थी. लेकिन 1 जुलाई की देर शाम उनके प्लांट पर आतंकियों ने हमला कर दिया. जहां पूरे प्लांट को तबाह करने के बाद आतंकी प्रकाश चंद जोशी के साथ ही दो अन्य भारतीयों को अगवा कर अपने साथ ले गए.
इसके बाद आंतकियों ने कुछ दिन बाद तीनों की एक तस्वीर भी जारी की गई, जिसमें प्रकाशचंद जोशी को देख परिवार दंग रह गया. इसके बाद परिवार के लोग बेहद डरे हुए हैं और किसी अनहोनी की आशंका उन्हें हर वक्त सताती रहती हैं.