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कन्हैयालाल मर्डर में BJP कार्यकर्ता शामिल थे, अब तक सजा क्यों नहीं मिली: अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि हत्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे और तीन साल बीतने के बावजूद आरोपियों को सजा नहीं मिली है. गहलोत ने आरोप लगाया कि कुछ आरोपियों की तस्वीरें वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब कटारिया के साथ हैं. मामला NIA की अदालत में चल रहा है.

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कन्हैया लाल की दो युवकों ने उनके दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी. (File Photo)
कन्हैया लाल की दो युवकों ने उनके दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी. (File Photo)

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य मामला था और इसमें भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे. गहलोत ने आरोप लगाया कि तीन साल बीत जाने के बावजूद हत्याकांड के आरोपियों को अभी तक सज़ा नहीं मिली है, और इसके पीछे की वजह सभी अच्छी तरह समझ सकते हैं.

अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि आरोपियों की वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब कटारिया के साथ तस्वीरें मौजूद हैं और जब वे किसी अन्य मामले में पकड़े गए थे तो भाजपा नेताओं ने पुलिस से उन्हें छोड़ने की मांग की थी.

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कन्हैयालाल हत्याकांड 28 जून 2022 को उदयपुर में हुआ था. कन्हैयालाल, जो एक दर्जी थे, की उनकी दुकान में दो हमलावरों - मोहम्मद रियाज़ अत्तारी और गौस मोहम्मद - ने बेरहमी से हत्या कर दी थी. हमलावरों ने हत्या का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी भी दी. 

मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई थी. दिसंबर 2022 में NIA ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिनमें दो पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल थे.

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हाईकोर्ट से कुछ आरोपियों को मिली जमानत

जांच के दौरान कुछ आरोपियों को आंशिक राहत या जमानत भी मिली. सितंबर 2024 में राजस्थान हाईकोर्ट ने मोहम्मद जावेद को बेल दी, लेकिन कन्हैयालाल के बेटे ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इसके अलावा फरहाद मोहम्मद शेख को फरवरी 2024 में आर्म्स एक्ट के तहत जमानत मिली थी.

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मर्डर केस की जांच में क्यों देरी हुई?

अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि यह साफ है कि राजनीतिक दबाव और भाजपा नेताओं की भूमिका की वजह से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी हुई. उनका कहना था कि न्यायिक प्रक्रिया में देरी और राजनीतिक हस्तक्षेप इस जघन्य अपराध को अंजाम तक पहुंचाने में बाधक बने हैं.

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