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घायल प्रोफेसर नहीं दिखा पाया आधार कार्ड तो नहीं मिला इलाज, अस्पताल में तड़पकर तोड़ा दम

अलवर में सड़क हादसे में घायल एक हिंदी प्रोफेसर को राजीव गांधी अस्पताल लाया गया, जहां आधार कार्ड न होने पर इलाज देर से शुरू हुआ. इलाज में लापरवाही से शख्स की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए शिकायत दी है. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर वाहन चालक की तलाश शुरू कर दी है.

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अस्पताल की लापरवाही के गई प्रोफेसर की जान (Photo: ITG)
अस्पताल की लापरवाही के गई प्रोफेसर की जान (Photo: ITG)

राजस्थान में अलवर शहर के गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर उमेश यादव नौरंगाबाद में सड़क हादसे में घायल हो गए. इलाज के लिए परिजन उनको अलवर के राजीव गांधी अस्पताल में लेकर पहुचे. वहां आधार कार्ड नहीं होने के कारण डॉक्टर ने इलाज नहीं किया. घायल अवस्था में उमेश स्ट्रेचर पर तड़पता रहा. उमेश की हालत खराब होने लगी, तो परिजनों ने हंगामा किया. इसके बाद डॉक्टरों ने उसको अटेंड किया लेकिन उमेश ने दम तोड़ दिया. ऐसे में परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने कहा कि समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उनके बेटे की मौत हुई है.

तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचा परिवार, लेकिन नहीं मिला इलाज

प्रोफेसर के परिजनों ने बताया कि उमेश यादव पुत्र अभय सिंह यादव अलवर के एक सरकारी स्कूल में हिंदी के प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे. रविवार को पटवारी की परीक्षा में ड्यूटी के बाद वो अपनी कार से घर जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में नौरंगाबाद गांव के पास अज्ञात वाहन ने उनकी कार को टक्कर मार दी, जिससे कार पलट गई और उमेश गंभीर रूप से घायल हो गए.  स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना परिजनों को दी. परिजन मौके पर पहुंचे और घायल अवस्था में उमेश को इलाज के लिए अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां अस्पताल स्टाफ ने परिजनों से उमेश का आधार कार्ड मांगा. लेकिन परिजनों के पास आधार कार्ड नहीं था. इसलिए स्टाफ ने उमेश की पर्ची नहीं बनाई और उसका इलाज शुरू नहीं हुआ. उमेश को तुरंत इलाज की आवश्यकता थी. ऐसे में वह स्ट्रेचर पर तड़पता रहा.

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उमेश के परिजनों ने कहा कि अस्पताल स्टाफ के खिलाफ वो पुलिस को लिखित शिकायत देंगे. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया व अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. साथ ही आरोपी वाहन चालक की तलाश की जा रही है.

6 महीने पहले हुआ था विवाह

परिजनों ने बताया कि 6 फरवरी 2025 को उमेश की शादी हुई थी. उमेश की पत्नी पीडब्ल्यूडी में जेईएन के पद पर कार्यरत है. कुछ साल पहले सड़क हादसे में उमेश के भाई की भी मौत हो गई थी. उमेश घर में अकेला बेटा था. इस घटना के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

11 साल पहले भाई की हुई थी मौत

परिजनों ने बताया कि 11 साल पहले उमेश के भाई की भी सड़क हादसे में मौत हुई थी. परिजनों ने बताया कि अब घर में केवल उमेश था जिसके कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी. दूसरे भाई की भी सड़क हादसे में मौत के बाद परिवार पूरी तरह से टूट चुका है.

अस्पताल में नहीं किया अटेंड

परिजनों ने कहा कि अगर समय पर इलाज मिलता तो उमेश की जान बच सकती थी. परिजनों ने कहा कि अस्पताल स्टाफ उनका आधार कार्ड मांगता रहा लेकिन इलाज नहीं किया. परिजनों जब अस्पताल में हंगामा किया तो डॉक्टर ने उमेश को अटेंड किया.

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आरोपी वाहन चालक हुआ फरार

परिजनों ने कहा कि अज्ञात वाहन ने उमेश की गाड़ी में टक्कर मारी थी और उसके बाद वो वाहन लेकर फरार हो गया. परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी है. पुलिस अब आरोपी वाहन चालक की तलाश में जुटी है.

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