देश के जंगलों की सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वायड की तैनाती शुरू हो गई है. राजस्थान को पहला डॉग स्क्वायड मिला है, जिसे रणथंभौर में तैनात किया गया है. इसके अलावा देश के 13 अन्य टाइगर रिजर्व में भी डॉग स्क्वायड तैनात होंगे. इसका उद्देश्य अवैध शिकार और वन्यजीवों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाना है.
पंचकूला स्थित आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर में इन डॉग्स को सात महीने की ट्रेनिंग दी गई है. अब तक देश में 120 डॉग स्क्वायड प्रशिक्षित और तैनात किए जा चुके हैं. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के जैव विविधता संरक्षण विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉ. दीपांकर घोष के अनुसार, 2008 में सिर्फ दो डॉग से शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब बड़े स्तर पर लागू हो रहा है.
देश के 13 अन्य जंगलों में भी डॉग स्क्वायड तैनात होंगे
देश में शिकारियों द्वारा नेवले के बाल, सांपों की खाल, गैंडे का सींग, बाघ और तेंदुए की खाल और अंग, हाथी के दांत, कछुए और पक्षियों के अवैध व्यापार की शिकायतें मिलती रही हैं. इन अपराधों पर रोक लगाने में डॉग स्क्वायड मददगार साबित होंगे.
छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास-तमोर पिंगला, अचानकमार, इंद्रावती और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान, पेंच टाइगर रिजर्व और संजय राष्ट्रीय उद्यान, महाराष्ट्र के सह्याद्री और ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व, तेलंगाना के कवल टाइगर रिजर्व, बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, झारखंड के दलमा अभयारण्य और अरुणाचल प्रदेश के पक्के टाइगर रिजर्व में भी डॉग स्क्वायड तैनात होंगे.
120 डॉग स्क्वायड प्रशिक्षित और तैनात किए जा चुके हैं
डॉ. घोष ने कहा कि अवैध वन्यजीव व्यापार एक संगठित अपराध है और इसे रोकने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करना जरूरी है. डॉग स्क्वायड इस दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे.