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वारदात: चीखो कि हम खामोश हैं!

वारदात: चीखो कि हम खामोश हैं!

किसी ने कभी कहा था कि कहो कि लब आज़ाद हैं. पर आज कहना पड़ रहा है कि चीखो कि हम ख़ामोश हैं. आठ साल की एक बच्ची के साथ हफ्ते भर तक आठ लोग बलात्कार करते हैं. यहां तक कि आखिर में जब उस बच्ची का कत्ल करने जा रहे थे, तब एक पुलिस अफसर उनसे कहता है- कुछ देर और रुक जाओ मैं भी इसे नोच-खसोट लूं फिर मार देना. दो महीने हो गए इसे. पर अब तक हम सब खामोश हैं.

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