जादूगर की नजर रानी पर थी. उस रानी पर जो बेपनाह हुस्न की मल्लिका थी. जादूगर सारी सच्चाई जानता था पर फिर भी वो किसी भी कीमत पर रानी रत्नावति को हासिल करना चाहता था. ये जानते हुए भी कि इसका अंजाम बेहद बुरा हो सकता है पर उसे किसी की परवाह नहीं थी.