कर्म ही भाग्य का आधार है. अगर कर्म नहीं तो भाग्य नहीं. बिना कर्म किए कुछ भी पाना अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. लेकिन कर्म भी वही करना चाहिए जिसमें ईमानदारी हो. ईमानदार व्यक्ति का भाग्य उसके अनुसार चलता है. जो विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को ईमानदार बनाए रखता है वही सच्चा शूरवीर है. जिसने ईमानदारी छोड़ी, भाग्य वहीं से उसके विपरीत चलने लगता है. भले ही कुछ वक्त के लिए ऐसे व्यक्ति को राहत मिल जाए लेकिन अंत में उसके साथ अच्छा नहीं हो सकता. तभी तो कहा है कि ईमानदारी सबसे श्रेष्ठ नीति है. सफलता के सूत्रों में से एक सूत्र ईमानदारी का महत्व सबसे अलग है. ईमानदार व्यक्ति अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ता है तो भाग्य भी उसके साथ चलता है. आज के हमारे खास कार्यक्रम मैं भी भाग्य में जाने क्या है ईमानदारी का महत्व.
Karma is the basis of fate. Fate moves according to Karma. Karma must be done in respect of honesty. The fate of an honest person work according to him. The person who keeps himself honest in the opposite circumstances is the true Worrier. Those who have left honesty, faces a lot of problems. Even though such a person may get relief for some time but in the end result will not be in is favour. It is said that honesty is the best policy. Watch our special program Main Bhagya Hoon.