scorecardresearch
 
Advertisement

मैं भाग्य हूं: भगवान से भी ऊंचा है मां का स्थान

मैं भाग्य हूं: भगवान से भी ऊंचा है मां का स्थान

मैं हूं भाग्य. मुझे ही आप नसीब कहते हैं और मुझसे जो मिलता है, उसे आप अपने नसीब का फल मानते हैं, लेकिन कभी आप आराम से सोचिए कि क्या कुछ ऐसा है भी, जिसे मैं आपको दूं. अरे मैं, तो वही आपको लौटाता हूं, जो आप अपने कर्मों से इस जगत को देते हैं. अगर वो अच्छा है, तो आप अच्छा पाएंगे. अगर वो बुरा है, तो आपके हिस्से भी बुरा ही आएगा. चलिए आज बात ऐसे कर्म की करते हैं, जो आपको बहुत कुछ खोने को मजबूर कर देता है. कहते हैं कि किसी के होने का असली एहसास, उसके जाने के बाद ही किसी को होता है.  दरअसल, इंसान की यह प्रवृत्ति होती है कि वो जिस चीज को पा लेता है या जो चीज उसके पास होती है. वो उसकी कद्र नहीं करता है. मां का स्थान भगवान से भी ऊंचा है. देखिए पूरा वीडियो......

Advertisement
Advertisement