वह तीर्थ जहां से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटता और जहां के दर्शन दे देता है तैंतीस करोड़ देवी देवताओं के एक साथ दर्शन का फल. बात हो रही है कुरुक्षेत्र की जिसे सृष्टि के रचियता परमपिता ब्रह्मा ने अपने जन्म के लिए चुना.