बीते 24 घंटे की बारिश ने मुंबई की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन सवाल यह है कि ऐसा क्यों है कि हर साल बारिश के आगे मुंबई घुटने टेक देती है. आखिर इस बदइंतजामी के लिए जिम्मेदार कौन है और क्या बारिश में पानी-पानी होना अब मुंबई की नियति है. भयंकर बारिश में बीएमसी भी बह गई? 12 साल बाद मुंबई फिर उस दहशत से गुजर रही है, जो उसने 26 जुलाई 2005 को महसूस की थी. जुलाई 2005 के झटके के बाद बीएमसी ने बृहनमुंबई स्ट्रॉर्मवाटर ड्रेनेज प्रोजेक्ट का ऐलान किया था, जो आज तक पूरा नहीं हो पाया है. तो सवाल यही है कि एशिया के सबसे ज्यादा बजट वाली महानगरपालिका अगर हर साल रेन टेस्ट यानी मॉनसून के मौसम में अपनी तैयारियों को लेकर कटघरे में खड़ी होती है-तो फिर उसके होने का मतलब क्या है? दूसरी तरफ, बिहार में बाढ़ की तबाही में मरनेवालों की तादाद 500 के पार हो गई है. लेकिन चिंता इससे और आगे की है. जो लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं, उन्हें खाने के लिए भोजन नहीं है और बीमार पड़ने पर इलाज की कोई सुविधा नहीं. सरकार का दावा है कि सब दुरुस्त कर देंगे, लेकिन कब करेंगे, ये पता नहीं. देखिए 10 तक...