पुणे पोर्श कांड में सरकारी डॉक्टरों की एक बड़ी लापरवाही सामने आई. दावा है कि इन डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ की थी, ताकि हादसे के वक्त उसके नशे में होने की बात साबित न हो सके. इस वीडियो में जानेंगे कि आखिर ब्लड में कितना अल्कोहल मिलने पर ड्रिंक एंड ड्राइव का केस बनता है और अगर आसा होता है तो सजा कितनी होती है?