कभी-कभी कोई ऐसा नकारात्मक विचार होता है, जिसको हम लगातार सोचते रहते हैं. इससे होता क्या है कि वो या तो साक्षात हमारे सामने आकर खड़ा हो जाता है या फिर वो हमारे वजूद के अंदर अपनी स्थायी जगह बना लेता है और हमारी पर्सनालिटी को निगेटिव बना देता है. इस निगेटिविटी को हमें समझना है और इससे दूर रहना है. जो चीज हमें शारीरिक, आध्यात्मिक या बौद्धिक रूप से कमजोर करे, उसको जहर की तरह त्याग देना ही बेहतर होता है. आपके तारे में देखिए कि हम अपने आपको कैसे समझें और निखारें....