कहते हैं जो लिखा है वही होगा... यह बात पूरी तरह से सही नहीं कही जा सकती... क्योंकि ये बात सच होती तो ऊपर वाले ने आपको सोचने समझने और तर्क करने की शक्ति ना दी होती. भगवान ने आपको कर्मों की शक्ति इसलिए दी है क्योंकि कर्मों की ही प्रधानता है. जो लिखा है उसके भरोसे नहीं चला जा सकता. आपको खुद अपने भाग्य को लिखना है. यह ताकत आपको खुद ऊपर वाले ने दी है.