ओडिशा के मलकानगिरी जिले में पुलिस को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. यहां शीर्ष नक्सली नेता समेत 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इन नक्सलियों के पास से हथियार, टिफिन बम, विस्फोटक और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने कुल 9 राइफल, 14 टिफिन बम, बड़ी मात्रा में गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और अन्य नक्सली सामान पुलिस को सौंपा है. यह आत्मसमर्पण मलकानगिरी जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुआ.
DG बोले- माओवादी संगठन टूटने की कगार पर
ओडिशा पुलिस के डीजी वाईबी खुरानिया ने कहा कि नक्सली संगठन अब पूरी तरह कमजोर हो चुका है और तेजी से बिखर रहा है. उन्होंने शेष नक्सली कैडरों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं.
2.25 करोड़ से ज्यादा का इनाम था घोषित
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन 22 नक्सलियों पर कुल मिलाकर 2.25 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनाम घोषित था. अब इन सभी को राज्य सरकार की नीति के तहत पुनर्वास, आर्थिक सहायता और मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जाएगा.
दंडकारण्य और एओबी जोन से जुड़े थे नक्सली
इनमें से 2 नक्सली आंध्र-ओडिशा बॉर्डर (AOB) जोनल कमेटी से जुड़े थे, जबकि 20 नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी से संबंध रखते थे. इनमें कुख्यात नक्सली नेता डीसीएम लिंगा भी शामिल है, जिस पर कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल होने का आरोप है.
कई बड़े हमलों में रही है भूमिका
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली जिले और आसपास के इलाकों में हुए कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी से नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. इस दौरान बीएसएफ के डीआईजी विजय सिन्हा, डीआईजी केवी सिंह, एसआईडब्ल्यू के डीआईजी संजीव पांडा, एंटी नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी अखिलेश्वर सिंह, कलेक्टर सोमेश उपाध्याय और एसपी विनोद पाटिल एच. समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.