माता अहिल्याबाई ने लगभग 300 वर्ष पूर्व शासन का एक उत्तम मॉडल अपनाया, जिसमें गरीबों और वंचितों को प्राथमिकता दी गई. कृषि और रोज़गार के लिए उन्होंने नहरें बनवाईं, कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित किया और जल संरक्षण पर बल दिया, जिसके लिए कहा गया, "कैच द रेन, बारिश की एक-एक बूंद पानी को बचाओ."