MP News: खंडवा में 'नकली पुलिस' बनकर राहगीरों को लूटने वाले एक खतरनाक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. यह गिरोह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई शहरों में सक्रिय था और बुजुर्गों को अपना निशाना बनाता था.
दरअसल, बीते 12 नवंबर को पदमनगर निवासी हसमतराय गुरवानी (65) के साथ लूट की वारदात हुई थी. दो बाइक सवारों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उन्हें रोका और कहा, आगे लूट हुई है, आप अपने जेवर उतारकर रख लीजिए." जैसे ही बुजुर्ग ने सोने की चेन और अंगूठियां उतारीं, आरोपी उन्हें लूटकर फरार हो गए.
शिकायत मिलने पर एसपी मनोज कुमार राय ने एक स्पेशल टीम का गठन किया. पुलिस ने शहर के अलग-अलग मार्गों पर लगे 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले. फुटेज के आधार पर संदिग्धों की पहचान नर्मदापुरम की 'ईरानी गैंग' के रूप में हुई.
इसके आधार पर पदमनगर पुलिस की टीम को नर्मदापुरम भेजा गया, जहां से दो आरोपियों गटरा उर्फ अप्पा हुसैन उर्फ अयान (25) और कासिम (30) को गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में आरोपियों ने अपने साथी इकबाल हुसैन के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया. लूटा गया माल उन्होंने अपने साथी इकबाल हुसैन को देना बताया.आरोपियों ने महाराष्ट्र के नागपुर, अमरावती और मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के शाहगंज इलाके में भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया है.
आरोपी सुनियोजित तरीके से खुद को पुलिसकर्मी बताकर वारदात को अंजाम देते थे. वे अकेले या उम्रदराज राहगीरों को रोककर किसी हालिया अपराध या चेकिंग का हवाला देते हुए विश्वास में लेते थे.
इसके बाद सुरक्षा जांच के बहाने पीड़ित से सोने के आभूषण उतरवाकर कागज में रखने को कहते थे. जैसे ही आभूषण उनके हाथ में आते, आरोपी मोटरसाइकिल से तेजी से फरार हो जाते थे.
खंडवा पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति रास्ते में पुलिसकर्मी बनकर आपको रोके और जेवर उतारने को कहे, तो झांसे में न आएं. पुलिस कभी भी सुरक्षा के नाम पर जेवर उतरवाकर कागज में नहीं रखवाती है. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत डायल 100 या 112 पर दें.