देश के सबसे स्वच्छ शहर यानी इंदौर में कचरे से बिजली बनाने के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से कचरे से ऊर्जा बनाने का प्लांट लगाया जाएगा. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पेश किए गए साल 2024-25 के इंदौर नगर निगम के बजट में इस आशय का प्रावधान किया है.
महापौर भार्गव ने कहा, कचरे को ऊर्जा में बदलने की प्राथमिकता के तौर पर हम करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से नया प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं. यह प्लांट पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित प्लांट न केवल रोजाना 500 टन कचरे का निपटान करेगा, बल्कि इससे छह मेगावाट बिजली भी पैदा होगी.
इंदौर के महापौर ने आईएमसी का बजट पेश किया, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष में 8 हजार 232.26 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय के साथ तमाम स्रोतों से 8 हजार 302.26 करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान है. वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए इंदौर में 19 ट्रैफिक सिग्नल चिन्हित किए गए हैं, जहां चालकों से अनुरोध किया जाएगा कि वे लाल बत्ती के हरे होने तक अपने वाहनों के इंजन बंद रखें. बजट में 150 प्रमुख चौराहों पर मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया गया है.
विपक्षी कांग्रेस के पार्षदों ने काले कपड़े पहनकर बजट सत्र में भाग लिया और नगर निगम में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ तख्तियां लहराकर हंगामा किया. हंगामे के बाद अध्यक्ष मुन्नालाल यादव ने उन्हें दिन भर के लिए सदन से बाहर निकाल दिया.
आईएमसी के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा, नगर निगम में ड्रेनेज लाइन, सड़क और सामुदायिक भवनों के निर्माण में बड़े घोटाले सामने आए हैं, लेकिन असली दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि अगर बजट में स्थानीय करों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस नहीं ली गई तो कांग्रेस पार्षद दल भूख हड़ताल करेगा.