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भोपाल: खेलते समय बिजली के खंभे को छूते ही 6 साल की बच्ची की मौत, गुस्साए लोगों का हंगामा

भोपाल में 6 वर्षीय आयशा की करंट लगने से मौत हो गई. खेलते समय उसने जलभराव वाली गली में एक बिजली के खंभे को छू लिया, जिससे उसे तेज झटका लगा. अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बिजली विभाग की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन किया.

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प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)
प्रतीकात्मक फोटो. (Meta AI)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहानाबाद इलाके में सोमवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया. मात्र 6 साल की मासूम बच्ची आयशा की करंट लगने से मौत हो गई. इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे मोहल्ले में आक्रोश की लहर दौड़ा दी.

जानकारी के मुताबिक, आयशा लोडिंग ऑटो चलाने वाले साजिद खान की बेटी थी. वह दोपहर करीब 2:30 बजे घर से बाहर खेलने निकली थी. हाल ही में हुई भारी बारिश के चलते उसकी गली में जलभराव हो गया था. इसी दौरान जब वह सड़क के किनारे एक बिजली के खंभे के पास पहुंची, तो उसे छूते ही तेज करंट का झटका लगा और वह खंभे से चिपक गई.

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मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि आयशा एक मिनट से ज्यादा समय तक करंट की चपेट में तड़पती रही. लोग सहम गए और कोई पास नहीं आ सका, लेकिन दो युवकों ने साहस दिखाते हुए लकड़ी की मूठ वाले फावड़े की मदद से उसे खंभे से अलग किया. तब तक आयशा बेहोश हो चुकी थी. परिजन और पड़ोसी उसे तुरंत हमीदिया अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

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आयशा का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. शाहजहानाबाद थाना प्रभारी उमेश पाल चौहान ने बताया कि इस घटना को लेकर 'अस्वाभाविक मौत' का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. जब इस दर्दनाक खबर की जानकारी इलाके में फैली, तो शोक धीरे-धीरे गुस्से में बदल गया.

बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन

बड़ी संख्या में स्थानीय लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे. लोगों का आरोप है कि खंभे में लंबे समय से तार खुले और खराब थे. कई बार विभाग को शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. स्थानीय विधायक आतिफ अकील, वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया. उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

आयशा के पिता ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपनी बेटी का स्कूल में दाखिला कराया था और 1 जुलाई को उसका पहला दिन था. उन्होंने उसके लिए नया स्कूल बैग और किताबें भी खरीदी थीं. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. परिवार गहरे शोक में डूबा है और न्याय की मांग कर रहा है.

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