मध्य प्रदेश के धार जिले में सरकारी डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर को पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुब्रतो दास की पत्नी को एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाने से इनकार करने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है.
यह घटना शनिवार को धार जिला मुख्यालय से लगभग 38 किलोमीटर दूर पर्यटक शहर मांडू में हुई, जहां वडोदरा के विजेता सुब्रतो दास और उनकी पत्नी सुष्मिता दास (60) घूमने आए थे, तभी एक आवारा कुत्ते ने उनकी पत्नी के पैर में काट लिया.
जब दंपति एंटी-रेबीज इंजेक्शन के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने अनुपलब्धता का हवाला देते हुए इंजेक्शन लगाने से इनकार कर दिया और उन्हें दूर के स्वास्थ्य केंद्र में भेज दिया. सुष्मिता दास को आखिरकार मांडू स्वास्थ्य केंद्र में इंजेक्शन लगाया गया.
डॉ. दास ने सोमवार दोपहर को बताया कि वह ठीक हैं. उन्होंने कहा, "सबसे बुरी बात जो मुझे पसंद नहीं आई, वह यह है कि उन्होंने (डॉक्टर ने) मेरी पत्नी की जांच तक नहीं की. एक डॉक्टर को यह करना ही होता है."
घटना को गंभीरता से लेते हुए धार के जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने इंदौर की एक टीम से जांच कराने का आदेश दिया. प्रारंभिक जांच के आधार पर डॉ. चांदनी डबरोलिया को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया और स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें सस्पेंड कर दिया.
कलेक्टर मिश्रा ने कहा, "कोई भी सरकारी संस्थान, चाहे वह अस्पताल हो, कॉलेज हो, स्कूल हो, सेवा केंद्र हो या कार्यालय हो, उसे सेवा चाहने वाले हर नागरिक के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए और तय समय के भीतर जरूरी सेवा प्रदान करनी चाहिए."
उन्होंने कहा कि डॉक्टर का व्यवहार अनुचित था और उनकी हरकतें अस्वीकार्य थीं, जिसके कारण प्रारंभिक जांच के आधार पर उन्हें सस्पेंड किया जाना उचित था.