स्वामी विवेकानंद संन्यासी होते हुए भी किसी वीर योद्धा की तरह भारत को पतन और निराशा के गर्त से बचाने के लिए रात-दिन संघर्ष कर रहे थे.
इक्कीस बरस हो गये हरजीत को हमसे अलविदा कहे. इक्कीस साल कम नहीं होते, एक पीढ़ी जवान हो जाती है इक्कीस साल में. आज हरजीत के दोस्त जिस तरह हरजीत की स्मृतियों को संजोने का काम कर रहे हैं, वह पहले क्यों नहीं किया?
हिंदी के जाने माने आलोचक डॉ मैनेजर पांडेय हमारे बीच नहीं रहे. वे मंचों पर दोटूक और सच बोलने वाले इने-गिने आलोचकों में एक थे.
बेबाकी, साफगोई, बारीकी और ईमानदारी से लिखी गई अरनो की कृतियों को हमेशा नारीवाद से जोड़कर देखा गया. अरनो ने इसे कभी छिपाया भी नहीं. वे मानती हैं कि 'मेरा काम राजनीतिक है'
'इप्टा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह का जयपुर में निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. देश में उन्हें रंगकर्मी ही नहीं बल्कि निर्देशक, अभिनेता, लेखक और इतिहासकार के तौर पर भी जाना जाता है. उनके निधन पर देशभर के रंगकर्मियों, कलाकारों और साहित्यकारों ने शोक जताया है.
हिंदी के एक बड़े कद के मूर्धन्य कवि रामदरश मिश्र ने सही अर्थ में कविसिद्धता हासिल कर ली है. वे बेहद सीधे-सरल और सम्माननीय कवि हैं, जो कविताएं लिखते ही नहीं, कविताएं जीते भी हैं
साहित्य से अनजान लोगों की जुबान पर भी प्रेमचंद और उनके उपन्यास 'गोदान' का नाम आसानी से मिल जाता है. उपन्यास सम्राट की जयंती पर हम बता रहे आपको इसकी वजह
कवि नरेंद्र मोहन से प्रकाश मनु के बड़े अद्भुत संबंध थे. उनकी जयंती पर मनु ने 'मैंने निंदर से बातें की हैं' कविता लिखी है. यह कविता भी है, और कविता के रूप में लिखा गया एक मार्मिक संस्मरण भी
यों तो बेहतरीन लेखन के बावजूद ओम भारती हिंदी की मुख्य धारा की कविता में ज्यादा जगह नहीं घेरते; पर अब जब वे नहीं हैं, यह कहने में हिचक नहीं कि कविता में आज के दौर में उन जैसा प्रतिरोधी स्वरों वाला कवि हिंदी में नहीं है. कवि की जयंती पर पढ़िए यह लेख
बहुत दिनों से सोच रही थी, प्रकाश मनु जी पर कुछ लिखूं, जिनके साथ जिंदगी का एक लंबा सफर तय किया है. पर लिखना इतना आसान है क्या? अनंत उतार-चढ़ाव, लंबे सुख-दुख और अनकही व्यथाओं वाली एक लंबी कहानी है, उसे कहां से शुरू करूं?
हरिपाल त्यागी जिंदगी, जिंदादिली और उम्मीदों से भरे शख्स थे, जिनसे मिलने पर दुख की परछाईं तक आपके पास नहीं फटक सकती थी. मन में आस्था की एक लौ सी जागती थी.
रामदरश मिश्र को ईश्वर ने न केवल लंबा जीवन दिया है बल्कि उन्होंने इस जीवन का बेहतरीन सदुपयोग रचना में किया है. उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर एक नज़र