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Poet Prakash Manu

सतत साधना और संघर्षों से सुंदर होती प्रकाश मनु की दुनिया

12 मई 2025

कविता से जिस कवि का आत्मिक जुड़ाव आधी सदी से भी अधिक पुराना हो, उस कवि की रचना-यात्रा और जीवन-यात्रा के बारे में उसकी किताबों से बेहतर भला कौन कुछ कह सकता है! आइए श्याम सुशील के साथ हम उस किताब के कवि प्रकाश मनु से मिलते हैं

डॉ. राहत इंदौरी

‘हों लाख ज़ुल्म मगर बद-दुआ नहीं…’, अदब की दुनिया को ‘राहत’ देने वाली क़लम, जिसे याद करता है सारा जहां

01 जनवरी 2025

राहत इंदौरी को अदबी दुनिया में दिलचस्पी रखने वालों ने अपनी पलकों पर बिठाकर सुना, ये दुनिया का कमाल नहीं था, ये राहत इंदौरी की क़लम, लहज़ा, ज़िंदादिली, हाज़िर-जवाबी और वाक्पटुता का कमाल था. उनकी आवाज़ के असर से मुशायरों में शामिल लोगों में पागलपन की बयार बह जाया करती थी.

Han Kang, the South Korean author who wins the 2024 Nobel Prize in Literature

दक्षिण कोरिया की हान कांग जिन्हें मिला साहित्य का नोबेल

11 अक्टूबर 2024

हान कांग को 2024 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई है. स्वीडिश अकादेमी ने जब उनके नाम की घोषणा की तो सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उनके बारे में जानने की होड़ मच गई. आइए हम बताते हैं कि हान कांग कौन हैं और क्या लिखती हैं?

Vishnu Khare and Kalevala

विष्णु खरे और फिनलैंड का महाकाव्य 'कालेवाला'

19 सितंबर 2024

हिंदी कवि और अनुवादक विष्णु खरे की पुण्यतिथि पर पढ़िए उनके द्वारा अनूदित फिनलैंड के महाकाव्य 'कालेवाला' पर की गई प्रकाश मनु की रोचक बातचीत

दिल्ली में ग़ालिब की हवेली है

इक बे-नूर गली से, तरतीब चराग़ों की शुरू होती है... एक सफ़हा खुलता है, 'मिर्ज़ा ग़ालिब' का पता मिलता है

18 जुलाई 2024

दिल्ली में ग़ालिब की हवेली है जहां इस महान शायर ने अपने जीवन के आखिरी दिन गुजारे. 1860 से लेकर 1869 तक ग़ालिब के दिन इसी हवेली में बीते. ग़ालिब और उर्दू के चाहने वाले भारत में ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में थे. मिर्ज़ा ग़ालिब खाने के बेहद शौक़ीन थे.

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