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Poet Prakash Manu

सतत साधना और संघर्षों से सुंदर होती प्रकाश मनु की दुनिया

12 मई 2025

कविता से जिस कवि का आत्मिक जुड़ाव आधी सदी से भी अधिक पुराना हो, उस कवि की रचना-यात्रा और जीवन-यात्रा के बारे में उसकी किताबों से बेहतर भला कौन कुछ कह सकता है! आइए श्याम सुशील के साथ हम उस किताब के कवि प्रकाश मनु से मिलते हैं

डॉ. राहत इंदौरी

‘हों लाख ज़ुल्म मगर बद-दुआ नहीं…’, अदब की दुनिया को ‘राहत’ देने वाली क़लम, जिसे याद करता है सारा जहां

01 जनवरी 2025

राहत इंदौरी को अदबी दुनिया में दिलचस्पी रखने वालों ने अपनी पलकों पर बिठाकर सुना, ये दुनिया का कमाल नहीं था, ये राहत इंदौरी की क़लम, लहज़ा, ज़िंदादिली, हाज़िर-जवाबी और वाक्पटुता का कमाल था. उनकी आवाज़ के असर से मुशायरों में शामिल लोगों में पागलपन की बयार बह जाया करती थी.

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