scorecardresearch
 

साहित्य आज तक में लेखक सुधाकर अदीब बोले- 'प्रेम में गहराई होती है, आकर्षण में नहीं है...'

लेखक, गीतकार और शायर रितेश राजवाड़ा ने कहा कि मैंने लखनऊ में आठ साल प्रेम किया बाद में पता चला कि फ्रेंड जोन भी कोई चीज होती है. उन्होंने कहा कि मोहब्बत में हार जाना ही जीत हुआ करती है. रितेश ने कहा कि प्रेम आपके भीतर उपजी एक कल्पना है. इश्क जीवन में कई बार हो जाता है.

Advertisement
X
साहित्य आज तक में शामिल लेखक
साहित्य आज तक में शामिल लेखक

साहित्य आजतक कोलकाता के बाद लखनऊ आ पहुंचा है. आज इसका दूसरा दिन है. आज के कार्यक्रम 'प्रेम गली अति सांकरी' में लेखक डॉ. सुधाकर अदीब, लेखिका वीणा वत्सल सिंह, लेखक महेन्द्र भीष्म, कवि और गीतकार रितेश राजवाड़ा ने शिरकत किया. सभी ने 'प्रेम गली अति सांकरी' पर अपनी राय जाहिर की. डॉ. सुधाकर अदीब ने आकर्षण और प्रेम के बारे में बताया कि प्रेम में गहराई होती है. लेकिन आकर्षण में गहराई नहीं है. आज के ज़माने में प्रेम कम आकर्षण ज्यादा हो रहा है.

प्रेम क्या है इस सवाल पर डॉ. सुधाकर अदीब ने कहा कि प्रेम बहुत व्यापक शब्द है. प्रेम पर सबके अपने अनुभव हैं. जब तक मेरे अंदर अहंकार है तब तक ईश्वर नहीं मिलता. जब भगवान मिल जाते हैं तो अहंकार खत्म हो जाता है. समतल धरातल पर प्रेम होता है जिसमें स्त्री-पुरुष शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि एक प्रेम माता-पिता का होता है.

प्रेम किसी से भी हो सकता है
लेखक महेन्द्र भीष्म ने कहा कि प्रेम अपनी मां, प्रेम इस धरती से भी हो सकता है. प्रेम वास्तव में बहुत व्यापक शब्द है. प्रेम किसी से भी हो सकता है. इसको किसी एक खास सांचे में नहीं फिट किया जा सकता. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि प्रेम एक लड़के और लड़की में हो. प्रेम लड़कों के बीच में भी हो सकता है. धारा 377 पर उन्होंने कहा कि मैंने किन्नरों पर 17 से 18 साल काम किया है. मैंने किन्नरों पर लिखा है. मैंने माना है कि ये एक प्रवृति है, लेकिन दूसरे लोग इसे विकार के तौर पर न देखें. उन्होंने अगर आप प्रेम कर रहे हैं तो उसे अपने तक सीमित रखें.

Advertisement

प्रेम आज के ज़माने में प्रकृति से दूर
वीणा वत्सल सिंह ने 'प्रेम गली अति सांकरी' पर कहा कि युवाओं के बीच में ही प्रेम है, लेकिन इतना व्यस्त शेड्यूल है कि वो इसको प्रदर्शित नहीं कर पाते. वो टाइम नहीं दे पाते. उन्होंने कहा कि आकर्षण और प्रेम में अंतर है. आकर्षण 10 के साथ हो सकता है लेकिन प्रेम तो बस एक या दो से हो सकता है. प्रेम सबसे नहीं होता. प्रेम आज के ज़माने में प्रकृति से नहीं जुड़ा है. आज इंटरनेट पर सब कुछ सीमित हो गया है. 

मोहब्बत में हार जाना ही जीत हुआ करती है
लेखक, गीतकार और शायर रितेश राजवाड़ा ने प्रेम और आकर्षण पर कहा कि उत्तर प्रदेश में मीरा के प्रेम ने आकार लिया है. उन्होंने दिनकर की कविता का भी जिक्र किया. रितेश ने कहा कि मैंने लखनऊ में आठ साल प्रेम किया बाद में पता चला कि फ्रेंड जोन भी कोई चीज होती है. उन्होंने कहा कि मोहब्बत में हार जाना ही जीत हुआ करती है. रितेश ने कहा कि प्रेम आपके भीतर उपजी एक कल्पना है. इश्क जीवन में कई बार हो जाता है.

युवा अपनी सोच बदलें
लेखिका वीणा वत्सल ने कहा कि आज की लड़कियां पहले की तरह नहीं होतीं. लड़कों को लड़कियों का सम्मान करना चाहिए. युवा किसी लड़की पर हावी न हो तो ज्यादा सही है. अगर ऐसा होगा तो ब्रेकअप जल्दी होगा. इसलिए आज के युवा लड़कियों पर अपनी बात न थोपें.

Advertisement

प्रेम की जगह कामुकता हावी 
लेखक महेन्द्र भीष्म ने कहा कि प्रेम की जगह आज के समय में कामुकता ज्यादा हावी हो रही है. आकर्षण में ही कामुकता भरी हुई है. प्रेम अगर कामुकता के साथ है तो वह प्रेम नहीं है आकर्षण है. 

गीतकार रितेश ने कहा कि प्रेम नहीं बदला है. प्रेम की अनुभूति नहीं बदली है. प्रेम के लिए सामाजिक संरचना जरूर बदल गया है. अपने साहित्य में प्रेमियों को जीताने की जरूरत है. इश्क करना आदमी को ईमानदार बनाता है.

किन्नर भी हमारी तरह हैं
महेन्द्र भीष्म ने 377 और किन्नरों पर कहा कि मैंने एक उपन्यास लिखा जिसका नाम है 'आख़िरी दरक'. उन्होंने कहा कि किन्नर भी हमारी तरह अपनी मां के कोख से जन्म लेते हैं. किन्नरों को हम उन्हीं तरह अपनाएं जैसे बाकी संतानों को अपनाते हैं. 

सोशल मीडिया का व्यापक प्रभाव
वीणा ने सोशल मीडिया ने महिलाओं के जीवन पर कितना प्रभाव डाला है. इस पर वीणा ने कहा कि सोशल मीडिया के आने से महिलाओं की अपनी कृति लोगों तक पहुंच रही है. ये इसका फायदा है. सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं का उत्पीड़न भी किया जाता है. लेकिन महिलाएं अब ऐसे चीजों को सामने लाती हैं ये अच्छी बात है. आज भी लड़के लड़कियों में भेद किया जाता है. साहित्य में भी मट्ठाधिशी है. अगर लड़की आगे बढ़ रही है तो मतलब वो गलत रास्ता चुनकर आगे बढ़ रही है.
 

Advertisement

Advertisement
Advertisement