एक शोध में यह बात सामने आई है कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उच्च स्तर पुरुषों के जिद्दीपन और अति आत्मविश्वास का कारण होता है. दूसरी ओर महिलाएं अक्सर इस 'अतिवाद' से बच जाती हैं.
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'अल्फा मैन' बेशक इससे सहमति नहीं रखते हों, लेकिन एक नए शोध में दावा किया गया है कि ऐसे लोग कार्यालय में सामंजस्य बैठाने में माहिर नहीं होते हैं. ऐसे लोगों के साथ काम करना मुश्किल होता है.
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चिकित्सकों ने एक शोध में पाया, ‘टेस्टोस्टेरोन हमारी निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करता है. यह व्यक्ति को अधिक अहमवादी बनाता है और अधिकतर समय ऐसे लोग किसी भी समस्या का सर्वश्रेष्ठ हल चाहते हैं, लेकिन कई बार टेस्टोस्टेरोन का उच्च स्तर ऐसे लोगों को दूसरों के विचारों को सुनने की इजाजत नहीं देता.’
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के निक राइट के हवाले से डेली मेल ने लिखा है, ‘यह काफी मायने रखता है, जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को देखते हैं, जो अपने विचारों पर दबाव बनाता है.’
आश्चर्यजनक रूप से शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में 17 महिलाओं को आधार बनाया और इसमें टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर वाले पुरुषों को शामिल नहीं किया गया. इसका कारण यह था कि महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर निम्न होता है और उसमें उतार-चढ़ाव आसानी से किया जा सकता है.