आम तौर लोग ऐसा मानते हैं कि वैवाहिक जीवन की शुरुआत होते ही उनकी जिंदगी खुशियों से भर जाएगी, जबकि हकीकत कुछ अलग ही है. शोध बताते हैं कि विवाह होने के बाद के पहले साल में जोड़े ज्यादा खुश नहीं रहते हैं. यह अलग बात है कि बाद के वर्षों में उनकी खुशियों में इजाफा होने लगता है.
मतलब यह कि 'हनीमून पीरियड' को खुशहाल वैवाहिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक मानने वाले लोगों को अपने विचार पर फिर से गौर करने की जरूरत है.
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि नवविवाहित दंपति अपने विवाह के पहले साल सबसे ज्यादा नाखुश रहते हैं. ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं के अनुसार सबसे खुशहाल दंपति वह होते हैं, जिनकी शादी को 40 साल से ज्यादा समय पूरा हो गया हो.
ऑस्ट्रेलिया के देकिन विश्वविद्यालय के इस अध्ययन में 2000 लोगों से विवाह को लेकर उनकी खुशी के बारे में पूछा गया. उनके जवाबों के आधार पर उन्हें 0-100 के बीच अंक दिए गए.
ज्यादातर लोगों को इसमें औसतन 75 अंक मिले और जिनकी नई-नई शादी हुई थी या जिनका शादी का यह पहला साल था, उन्हें औसतन 73.9 अंक मिले. वैसे दंपति, जिनकी शादी को चार दशक से ज्यादा समय हो गया था, उन्हें औसतन 79.8 अंक मिले.
मुख्य अध्ययनकर्ता मेलिसा विनबर्ग ने कहा, ‘यह थोड़ा अप्रत्याशित है, क्योंकि आम धारणा यह है कि नवविवाहित जोड़े सबसे अधिक खुश रहते हैं, जबकि असल में ऐसा नहीं है.’ विनबर्ग ने कहा कि लोग कल्पना करते हैं कि उनकी शादी का दिन उनकी जिंदगी का सबसे खुशनुमा दिल होगा. वह दिन आता है, लोग बहुत खुश रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह खुशी कम होने लगती है.
एक अन्य अध्ययन में भी इस तथ्य का समर्थन किया गया है और कहा गया कि शादी के दूसरे या तीसरे साल दंपति की खुशी बढ़ने लगती है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि विवाहित लोग अवविवाहित, तलाकशुदा आदि लोगों से अधिक खुश रहते हैं. वहीं विवाहित महिलाएं विवाहित पुरुषों की तुलना में अधिक खुश रहती हैं.