पिछले कुछ वर्षों में यह चिंता बढ़ रही है कि जेनरेशन Z (1995 और 2010 के बीच पैदा हुए लोग) की उम्र तेजी से बढ़ती जा रही है. 20-25 साल की उम्र में ही 30 साल से अधिक दिखने की शिकायतें अब आम हो गई हैं. इस पीड़ी के अधिकतर लोग इस समय नौकरी-पेशा हैं और रिपोर्ट के मुताबिक Gen Z की बायोलॉजिकल उम्र बढ़ रही है.
जेनरेशन Z के चेहरों पर समय से पहले झुर्रियां, डार्क सर्कल और हेल्थ प्रॉब्लम्स दिखने लगी हैं. तनाव और खराब लाइफस्टाइल के कारण Gen Z में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेन जेड की लाइफ को कोविड 19 ने पूरी तरह से बदल दिया है. कोरोना के बाद से जेन जेड के लिए सारी चीजों को फिर से ठीक कराया गया. जब यह सब हो रहा था उस समय जेन जी अपनी जवानी के कदम पर थी.
सोशल मीडिया का दौर
यह पीढ़ी सोशल मीडिया के दौर में पली-बढ़ी है, जो उनकी लाइफस्टाइल और मेंटल हेल्थ पर भी असर डालता है. जेन जीज का कहना है कि इन्हें अकसर गलत समझा जाता है. जोश हाउलेट जिनकी उम्र 26 साल हैं, कहते हैं कि वह जेन जेड से भी छोटे हैं लेकिन उन्हें अक्सर उम्र से ज्यादा ही समझा गया है. वे अपने जीवन में आई परेशानियों को अपनी इस हालात का कारण मानते हैं. ये परेशानियां पूरी जेन जेड पीढ़ी में मौजूद है.
क्यों हो रहे हैं जल्दी बूढ़े
सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. सोनाली कंगने के मुताबिक जेनरेशन Z का समय से पहले बूढ़े होने का कारण कोर्टिसोल हार्मोन है. इसे स्ट्रेस हार्मोन कहा जाता है, जो तनाव के समय शरीर में रिलीज होता है. आज की जनरेोशन जेनरेशन Z को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके जीवन में तनाव लगातार बना रहता है.
इसके साथ जेन जेड के लिए तनाव का कारण अक्सर उनकी पढ़ाई, करियर या सोशल मीडिया भी हो सकती है. इसके बाद आती है नौकरी ना मिलने की टेंशन. इन सब के चलते व्यक्ति को ढंग से नींद भी नहीं आती और खान-पान भी खराब रहता है.
क्या करे जेन जेड
इससे बचने का तरीका है तनाव से दूर रहो. ऐसा करने के लिए जेन जेड के लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज और योगा करना होगा. इसके साथ इन्हें सोशव मीडिया का इस्तेमाल कम करना होगा, पर्याप्त नींद लेना होगी और हेल्दी फूड खाना होगा.