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सुप्रीम कोर्ट से PFI नेता एएस इस्माइल को झटका, अंतरिम जमानत याचिका खारिज

जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिहाड़ जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस्माइल को जेल के भीतर ही फिजियोथेरेपी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. कोर्ट को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने बताया कि जेल में आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध है. इसके बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

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सुप्रीम कोर्ट ने PFI नेता एएस इस्माइल की याचिका खारिज कर दी (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने PFI नेता एएस इस्माइल की याचिका खारिज कर दी (फाइल फोटो)

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के वरिष्ठ नेता एएस इस्माइल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इस्माइल ने बीमारी के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की अध्यक्षता वाली पीठ ने तिहाड़ जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस्माइल को जेल के भीतर ही फिजियोथेरेपी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. कोर्ट को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने बताया कि जेल में आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध है. इसके बाद कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

एएस इस्माइल पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गंभीर आरोप लगाए हैं. NIA का कहना है कि इस्माइल पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा रहा है. बाद में वह PFI के तमिलनाडु प्रमुख बना और फिर संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद का सदस्य भी बना.

NIA के अनुसार, इस्माइल पर आरोप है कि उसने मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाया और उन्हें भारत सरकार तथा ऐसे संगठनों के खिलाफ भड़काया जो भारत में इस्लामी शासन की स्थापना के पक्ष में नहीं हैं. उस पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज है.

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इस फैसले के बाद इस्माइल को अब जेल के भीतर ही चिकित्सा सुविधा लेते हुए न्यायिक हिरासत में रहना होगा.

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