त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में कथक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें प्रसिद्ध कथक नर्तक और शास्त्रीय गायक पंडित बिरजू महाराज ने प्रशिक्षण दिया. बिरजू महाराज मानते हैं कि नृत्य और संगीत में प्रयोग गलत नहीं है, बशर्ते कलाकार उसके दायरे को पहचाने और अपनी पहचान को कायम रखे. संगीत और नृत्य की तमाम विधाओं में निपुण बिरजू महाराज वर्तमान भारतीय फिल्मों में नृत्य को लेकर हो रहे प्रयोगों के प्रति चिंतित भी हैं.
Pandit Birju Maharaj in Kathak workshop at tripura