जेएनयू में देशविरोधी नारे लगने के बाद एक बार फिर नारेबाजी हुई. इसमें देश के खिलाफ नहीं बल्कि सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए. कन्हैया ने बार-बार केंद्र सरकार, आरएसएस और बीजेपी से आजादी दिलाने की मांग की.