हमें जीने दो... ये गुहार इंसान नहीं, बल्कि उन जानवरों की है, जिनके जंगल अब इंसानों की बस्ती में बदल चुके हैं. जहां कभी जानवरों का हरा भरा आशियाना था, वहां तरक्की के नाम पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है. अब जब भी कोई जानवर इंसानों की बस्ती में घुसता है, तो उसे आदमखोर कहकर या तो पकड़ लिया जाता है. या उसे मार दिया जाता है. लेकिन कभी किसी ने सोचा है कि जब इंसान जंगल को काटता है तो उसे कोई जंगलखोर क्यों नहीं कहा जाता? चलिए आपको एक हाथी की बेचैनी दिखाते हैं. खबर ऊंटी के इलाके से आई है, जहां एक हाथी इंसानों की बस्ती में घुस गया, उसके बाद क्या कुछ हुआ आप खुद देख लीजिए...