थोड़ी सी ठंड में हम सिहर उठते हैं. तापमान शून्य के आसपास भी पहुंचता है तो हम घरों में दुबक जाते हैं. ऐसे में सोचिए कि उनकी क्या हालत हो रही होगी जो -2 डिग्री तापमान पर दिनरात सरहद की चौकसी करते है.