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तब किसी मुंबईकर को उन पर दया नहीं आई...

तब किसी मुंबईकर को उन पर दया नहीं आई...

मुंबई एक ऐसा शहर जो दिनभर दौड़ता है, रातभर जागता है. मुंबई एक ऐसा शहर जहां महिलाएं खुद को सबसे ज्यादा सुरक्षित समझती हैं. मुंबई जहां चारों तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आती है. उस मुंबई शहर में भीड़ भरे इलाके में लड़िकयों के साथ छेड़छाड़ की गई और दो बेगुनाह नौजवानों को सरेआम मौत के घाट उतार दिया गया. वहां मौजूद लोग तमाशा देखते रहे, लेकिन कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया. आखिर तब कहां थे मुंबईकर.

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