
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्थित जिज्ञासा यूनिवर्सिटी में हाल में ही एक त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या हो गई थी. यूनिवर्सिटी के कैंटीन में विवाद हुआ और उसे कथित तौर पर चाकू मार दिया जाता है. इस हमले में वह घायल हो जाता है और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है. अब पीड़ित परिवार को उत्तराखंड सरकार के द्वारा आर्थिक मदद भेजी है.
उत्तराखंड सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 के तहत एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता प्रकरण को स्वीकृत किया है. इस सहायता की पहली किश्त के रूप में 4 लाख 12 हजार 500 रुपये पीड़ित परिवार को चेक के माध्यम से भेज दी गई है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने मामले को जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून को प्रेषित किया. उपजिलाधिकारी विकासनगर और पुलिस उपाधीक्षक विकासनगर की संयुक्त जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिलास्तरीय समिति ने तत्काल स्वीकृति प्रदान की. इसके बाद आर्थिक सहायता की पहली किश्त बिना किसी विलंब के जारी कर दी गई.

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प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
इस मामले में प्रशासन ने तेज गति से जांच और आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर पीड़ित परिवार को राहत पहुंचाने का काम किया. सरकार का कहना है कि पीड़ित परिवार को समय पर सहायता उपलब्ध कराना उसकी प्राथमिकता है. सभी अधिकारियों ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रक्रिया को जल्द ही पूरा किया.
मुख्यमंत्री का दुख व्यक्त करना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर इस दुखद घटना पर गहरा दुःख जताया. उन्होंने बताया कि अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एक आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि उत्तराखंड सरकार मामले में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.