scorecardresearch
 

UP: बिजली विभाग का नया आदेश, 3 महीने के औसत के आधार पर आएगा अप्रैल का बिल

कोरोना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए 21 दिन के लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए यूपी के बिजली विभाग ने एक अहम फैसला लिया है. नए आदेश के मुताबिक यूपी में अप्रैल महीने का बिजली बिल पिछले तीन महीनों के औसत के आधार पर लिया जाएगा.

Advertisement
X
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमा हैं हजारों लोग (फोटो: PTI)
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर जमा हैं हजारों लोग (फोटो: PTI)

  • यूपी में अप्रैल के बिजली बिल को लेकर विभाग से जारी हुआ आदेश
  • बिजली बिल पिछले तीन महीनों के औसत के आधार पर लिया जाएगा

कोरोना से बढ़ते खौफ के बीच सरकारें लोगों को राहत देने की तमाम कोशिशें कर रही हैं. एक ओर जहां यूपी के गौतमबुद्ध नगर में जिलाधिकारी ने आदेश निकाला था कि इस महीने किरायेदारों से मकान मालिक किराया ना वसूलें वहीं दूसरी ओर अब नई खबर आ रही है कि यूपी के बिजली विभाग ने तय किया है कि अप्रैल महीने में बिजली का बिल उपभोक्ता के तीन महीने की बिजली खपत के औसत के आधार पर लिया जाएगा.

आपको बता दें कि यूपी में बिजली विभाग मीटिर रीडिंग के आधार पर बिजली का बिल तैयार करता है और रीडिंग के लिए एजेंट डोर-टू-डोर जाते हैं. लेकिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से किसी का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है.

Advertisement

bill_032820103819.jpgबिजली विभाग का नया आदेश

इसके अलावा मीटर रीडिंग के लिए घर-घर जाने पर उन एजेंटों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा होगा वो अलग. यही वजह है कि बिजली विभाग ने तय किया है कि अप्रैल महीने का बिजली का बिल तीन महीने के औसत के आधार पर लिया जाएगा.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

लॉकडाउन ने खड़ी की नई समस्या

बता दें कि देश भर में केन्द्र सरकार ने कोरोना को फैलने से रोकने के उद्देश्य से 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया था जो 14 अप्रैल तक चलना था. लेकिन इस लॉकडाउन की वजह से एक नई समस्या पैदा हो गई है. देश भर में बड़े शहरों में काम की तलाश में गए लोग अपने परिवारों के साथ सड़क पर आ गए हैं, वो चाहते हैं किसी तरह अपने घर पहुंच जाएं. इस वजह से राज्य की तमाम सीमाओं पर भारी भीड़ जमा हो गई है.

एनसीआर का हाल है सबसे बुरा

दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे बुरा है, जहां मजदूर, रिक्शा चालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं. लेकिन सिर्फ दिल्ली एनसीआर नहीं बल्कि देश के दूसरे छोटे बड़े शहरों से भी लोगों का पलायन यूं ही जारी है. चाहे वो कानपुर हो, सोनीपत हो या फिर सिरसा या आगर मालवा.

Advertisement

कोरोना पर aajtak.in का विशेष वॉट्सऐप बुलेटिन डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर लाइन में खड़े एक मजदूर ने 'आजतक' से कहा कि खाना नहीं है, काम नहीं है, मर जाएंगे यहां. सामने आने वालीं तस्वीरें बताती हैं कि अजीब सी दहशत भर गई है इन दिलों में, अजीब सी तड़प उठी है घर पहुंच जाने की, जो जहां था, वहीं से निकल गया है शहर से गावों की ओर.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

Advertisement
Advertisement