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यूपीः अफसरों की हाजिरी जांचने के लिए फोन का इस्तेमाल

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सख्त निर्देश के बावजूद अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. वे गंभीरता से जनता की समस्याएं नहीं सुन रहे हैं. अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए सरकार सारे प्रयोग कर रही है.

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यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सख्त निर्देश के बावजूद अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. वे गंभीरता से जनता की समस्याएं नहीं सुन रहे हैं. अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए सरकार सारे प्रयोग कर रही है.

मुख्य सचिव ने अफसरों की इस कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताते हुए कार्यालयों में उनकी समय से मौजूदगी को लेकर बुधवार को कड़े दिशा निर्देश जारी किए. अब कमिश्नर, डीएम और एसएसपी की कार्यालय में समय से उपस्थिति के लिए उनके लैंडलाइन फोन पर रोज बात करेंगे.

मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद जनसुनवाई का काम गंभीरता से नहीं हो रहा है. जनसुनवाई के समय में अफसरों के कार्यालयों के फोन खराब मिल रहे हैं. यह स्थिति बेहद आपत्तिजनक है. इसके लिए हर अधिकारी के कार्यालय में बेसिक फोन अनिवार्य कर दिया गया है. जिस अधिकारी के कार्यालय में बेसिक फोन नहीं लगा है, उसे तत्काल लगवाने को कहा गया है.

जिलाधिकारियों को अपने मातहत अधिकारियों के कार्यालयों में बेसिक फोन सक्रिय होने का प्रमाणपत्र देना होगा. जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे बेसिक फोन नंबर का मीडिया में व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं और कार्यालयों के बाहर पट्टिका पर नंबर दर्ज कराएं. जिले की वेबसाइट पर भी अधिकारियों के नंबर डिस्प्ले किए जाएंगे.

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रंजन ने बताया कि मंडलायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कार्यालय में डीएम और एसएसपी की उपस्थिति का सत्यापन नियमित रूप से बेसिक टेलीफोन पर बात करके करें. मंडलायुक्त इन अधिकारियों की नियमित उपस्थिति या अनुपस्थिति की जानकारी सीधे उन्हें देंगे.

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