उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बीते दिनों कूड़े के ढेर में हजारों कंडोम के पैकेट फेंके हुए मिले थे जो भारत सरकार की एक संस्था की तरफ से भेजा गया था. अब इस मामले को लेकर पता चल गया है कि आखिर यह कंडोम किसे दिए गए थे. जानकारी के मुताबिक ये कंडोम लखीमपुर के एनजीओ जेएन बालकुंज को भेजे गए थे.
कूड़े में कंडोम मिलने के बाद जिले के सीएमओ डॉ. आलोक कुमार शर्मा ने अवध कॉलोनी में रात में छापा मारा जिसमें पूरी हकीकत सामने आ गयी. कूड़े के ढेर में फेंके गए हजारों कंडोम इसी एनजीओ को भारत सरकार की संस्था नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (NACO) द्वारा भेजा गया था.
आजतक डिजिटल पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के बाद जिले के सीएमओ हरकत में आ गए. नखासा मोहल्ले में हजारों कंडोम जो कूड़े के ढेर में पड़े पाये गए थे वो राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा लखीमपुर के एनजीओ जेएन बालकुंज को भेजा गया गया था. छापेमारी के दौरान अधिकारियों को एनजीओ के कुछ रिकार्ड गायब तो कुछ अधूरे मिले.

छापेमारी में मौके से मिले सैंपल और कूड़े में मिले कंडोम का जब मिलान किया गया तो वो एक ही बैच का निकला जिससे ये पुष्टि हो गई कि सरकारी योजनाओं को किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है.
सीएमओ ने एनजीओ कार्यालय में मिले सैंपल को भी जब्त कर लिया. बुधवार को सीएमओ ने एनजीओ चलाने वाले लोगों को अपने दफ्तर बुलाकर भी उनसे पूछताछ की. अब इस मामले की रिपोर्ट नाको को भेजी जाएगी.
बता दें कि 20 मार्च के बाद भी तीन दिनों से हजारों कंडोम अभी भी कूड़े में पड़े हुए हैं जिसे कई लोग उठाकर ले जा रहे हैं. इन कंडोम को अभी तक नष्ट नहीं किया गया है जबकि CMO ने पहले ही साफ कर दिया था कि अब उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
वहीं एनजीओ की तरफ से इसपर सफाई देते हुए कहा गया है कि उनके पास 250 सेक्स वर्कर, 150 ड्रग एडिक्ट और 50 बाइसेक्सुअल लोग हैं जिन्हें कंडोम वितरित किए जाते हैं. इन्हीं में से कुछ को वॉलिंटियर बनाया गया है. उनके पास हर महीने करीब छह से आठ हजार गर्भनिरोधक बांटने के लिए आते हैं लेकिन वॉलिंटियर ने इसे नहीं बांटा और फेंक दिया गया.
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