धर्म को लेकर सियासत भले ही इन दिनों बढ़ गई है, लेकिन इस सियासत के बीच भी धार्मिक सद्भाव की मिसाल देखने को मिली है. उत्तर प्रदेश के रामपुर में 11 हिन्दू छात्रों ने मदरसे और 140 मुस्लिम बच्चों ने आरएसएस स्कूल में एडमिशन लिया है.
अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' की खबर के मुताबिक, रामपुर में दो समुदाय के बच्चों ने अपनी मर्जी से पसंद के स्कूल और मदरसे में एडमिशन लिया. मदरसे के प्रिंसिपल जमीतुल अंसार ने बताया कि छात्रों के अभिभावकों को उर्दू भाषा के प्रति लगाव है, जिसके चलते उन्होंने अपने बच्चों को मदरसे में उर्दू पढ़ाने के लिए दाखिला दिलवाया.
अंसार ने कहा कि हिंदू छात्र और उनके अभिभावक उर्दू को मिर्जा गालिब, राहत इंदौरी जैसे बड़े शायरों की वजह से पसंद करते हैं. ऐसे में वो मदरसे में पढ़कर उर्दू जुबान के और ज्यादा करीब होना चाहते हैं. रामपुर के 142 मुस्लिम बच्चों ने भी आरएसएस के स्कूल में मुस्लिम दाखिला लिया. हालांकि आरएसएस स्कूल में मुस्लिम बच्चों के दाखिला लेने की वजह का पक्ष पता नहीं चल पाया. याद रहे कि आरएसएस को हिंदूवादी विचाराधारा का थिंक टैंक माना जाता है.