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पुलवामा: चंदौली के शहीद अवधेश का परिवार मायूस, अब तक पूरे नहीं हुए वादे

अवधेश यादव की शहादत के बाद राज्य सरकार और विभाग की तरफ से आर्थिक मदद तो मिली लेकिन उस दौरान शहीद के परिजनों से किए गए कई वादे एक साल बाद पूरे नहीं हो पाए.

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शहीद अवधेश के पिता ने बयां की वादों की कहानी
शहीद अवधेश के पिता ने बयां की वादों की कहानी

  • चंदौली के अवधेश यादव पुलवामा में हुए थे शहीद
  • शहीद अवधेश के पिता ने बयां की वादों की कहानी

पुलवामा आतंकी हमले को एक साल हो गया है. इस हमले में सीआरपीएफ के कुल 41 जवान शहीद हुए थे, जिनमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले अवधेश यादव भी शामिल थे.

दरअसल, अवधेश यादव की शहादत के बाद राज्य सरकार और विभाग की तरफ से आर्थिक मदद तो मिली लेकिन उस दौरान शहीद के परिजनों से किए गए कई वादे एक साल बाद पूरे नहीं हो पाए, जिसको लेकर शहीद के परिजन मायूस हैं.

साल 2006 में हुए थे भर्ती

चंदौली के पड़ाव इलाके के बहादुरपुर गांव के रहने वाले हरिकेश यादव के चार बेटे बेटियों में सबसे बड़े अवधेश यादव साल 2006 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. शहादत के बाद जब 16 फरवरी को जब शहीद अवधेश यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बहादुरपुर पहुंचा, तो हजारों की संख्या में वहां पर लोग मौजूद थे. शहीद अवधेश यादव की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की गई थी.

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सरकार और सीआरपीएफ से आर्थिक मदद तो मिली लेकिन कई वादे नहीं पूरे हुए.  शहीद अवधेश के पिता हरिकेश यादव के अनुसार कई स्वयंसेवी संगठनों ने भी इस परिवार की आर्थिक मदद की, लेकिन शहादत के बाद प्रशासन द्वारा कई ऐसे वादे भी किए गए थे जो आज तक पूरे नहीं हो पाए.

परिजनों के अनुसार शहीद अवधेश यादव के नाम पर गांव के मुख्य द्वार को बनवाया जाना था, साथ ही गांव की तरफ आने वाली सड़क का नाम भी शहीद अवधेश यादव के नाम पर रखा जाना था, एक मिनी स्टेडियम का भी निर्माण कराने का वादा उस दौरान किया गया था, जो एक साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है.

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