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दिल्ली-नोएडा के बीच होंगे ताजमहल, बनारस के घाट और सारनाथ के स्तूप के दर्शन

नोएडा से दिल्ली के सफर में अब आपको मार्गों पर ताजमहल, बनारस के घाट और सारनाथ के स्तूप की मोहक कला​कृतियां दिखाई देंगी. इसके लिए नोएडा विकास प्राधिकरण ने तेजी से कार्य शुरू कर दिया है.  

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दिल्ली-नोएडा सफर में दिखेगा ताजमहल, बनारस के घाट व सारनाथ के स्तूप का कर सकेंगे दर्शन
दिल्ली-नोएडा सफर में दिखेगा ताजमहल, बनारस के घाट व सारनाथ के स्तूप का कर सकेंगे दर्शन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीईओ ने अधिकारियों संग किया योजना का निरीक्षण 
  • प्लास्टिक और कबाड़ से तैयार हो रहीं कलाकृतियां 
  • बायोडायवर्सिटी पार्क की तरह विकसित करने की योजना 

नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा शहर की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए लगातार प्रयाए किए जा रहे हैं. इसी प्रयास के तहत अब दिल्ली से नोएडा आने के दौरान आपको ताजमहल की खूबसूरत कला​कृति दिखाई देंगी, तो वहीं बनारस घाट और सारनाथ के स्तूप के दर्शन भी हो सकेंगे. जिसके लिए तेजी से काम चल रहा है. 

नोएडा ऑथोरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने एक्सप्रेस वे पर महामाया फ्लाईओवर के पास सड़क के दोनों तरफ वेस्ट ऑफ आर्ट के तहत कबाड़ से बनाकर स्थापित किए गए ताजमहल, बनारस के घाट और सारनाथ के स्तूप का निरीक्षण किया. यूपी दिवस के समय इनका निर्माण किया गया था. शिल्प हाट में इसका उद्घाटन हुआ था.

निरीक्षण के दौरान मुख्य कार्यपालक ने आदेश दिया कि मौके पर सारनाथ का स्तूप कुछ नीचे लगा है, उसे ऊपर उठाया जाए. सभी में ग्राउंड पर रंगीन लाइट लगाई जाए तथा उनके अंदर की पीली लाइट को और ज्यादा तेज किया जाए. 

साथ ही उनके द्वारा निर्देशित किया गया कि तीनों जगह पर पार्क की तरह डेवलप किया जाए. जहां पर सारनाथ का स्तूप है, वहां पर बगल में फव्वारा भी लगाया जाए. तीनों जगह पर जो बोर्ड लगाए गए हैं, उन्हें और बड़ा किया जाए. बैकड्राप में सफेद स्क्रीन लगाई जाए, जिससे दूर से लोगों को ये कलाकृतियां दिख सकें. 
               
सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अत्याधुनिक शहर में बने हुए सुंदर पार्कों जैसे बायोडायवर्सिटी पार्क, ओखला बर्ड सेंचुरी पार्क आदि के साथ इन्हें भी जोड़ कर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जिससे आगे चलकर इस पूरे सर्किट में पर्यटन के लिए बस भी चलवाई जा सके. 

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इसी के साथ उत्तर प्रदेश के अंदर प्रवेश करते ही प्रदेश के अन्य दर्शनीय स्थलों की आकृतियां, विभिन्न प्रमुख स्थानों पर स्थापित की जाएंगी. निरीक्षण के समय अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी नेहा शर्मा, निदेशक उद्यान इंदु प्रकाश सिंह, उद्यान विभाग, विद्युत विभाग, वर्क सर्किल की पूरी टीम उपस्थित रही.

 

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